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IAS/सिविल सेवा परीक्षा 2020 के अखिल भारतीय टॉपर्स को सम्मानित किया

डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा अधिकारियों को नये भारत का शिल्पकार बताया और भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाने में उनसे अगले 25 वर्ष कड़ी मेहनत करने की अपील की

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज आईएएस/सिविल सेवा परीक्षा 2020 के 20 अखिल भारतीय टॉपर्स को सम्मानित किया और उनके साथ बातचीत की।

उन्होंने यहां नार्थ ब्‍लॉक स्थित कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मुख्यालय में उनसे मुलाकात की। सिविल सेवा परीक्षा 2020 के परिणाम हाल में घोषित हुए।

सिविल सेवा परीक्षा के शीर्ष-20 स्थानों पर चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिवार के सदस्यों का अभिनंदन करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वास्‍तव में यह काफी उत्साहवर्धक है कि शीर्ष 20 उम्मीदवारों में 10 महिला उम्मीदवार शामिल हैं और वे पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं क्योंकि सभी अभ्यर्थी बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों व संघशासित प्रदेशों से आते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लिंग और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर जनसांख्यिकीय परिवर्तन हमारे जैसे विविधताओं से भरे हुए देश के लिए शुभ संकेत है। उन्हें बताया गया कि इस साल आयोग की ओर से विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 761 उम्मीदवारों (545 पुरुष और 216 महिलाओं) की सिफारिश की गई है।

युवा अधिकारियों से बातचीत के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि आल इंडिया टॉपर्स को नॉर्थ ब्लॉक में आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करने की नई परंपरा उन्होंने 2014 में शुरू की थी और तब से यह परंपरा चली आ रही है।

युवा अधिकारियों को नये भारत का शिल्पकार बताते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें भारत की आजादी के 75 वें वर्ष के दौरान सेवाओं में प्रवेश करने का खास अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल उनके सामने सेवा का महत्वपूर्ण अवसर है जब भारत आजादी के सौवें वर्ष में प्रवेश करेगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के शेष विश्व की अगुवाई करने वाले नये भारत की परिकल्पना को महसूस किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत पहले से ही उत्कर्ष की ओर है और इस नये वर्ग के सिविल सेवकों पर इसे वैश्विक कार्यक्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने की विशेष जिम्मेदारी होगी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने युवा प्रोबेशनर्स व आईएएस अधिकारियों के लिए पिछले सात वर्षों के दौरान किए गए कुछ महत्वपूर्ण सुधारों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि इसमें संबद्ध राज्य या संघ शासित प्रदेश के आवंटित कैडर में जाने से पहले केंद्र सरकार में तीन महीने के मेंटरशिप कार्यक्रम की शुरुआत शामिल है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने इस साल के पहले 20 टॉपर्स में ग्यारह इंजीनियरों और तीन मेडिको के मौजूद का भी जिक्र किया। उन्होंने उनसे यह उम्मीद जताई कि बीते 6-सात साल के दौरान मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न विशिष्ट योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में उनको जो काम सौंपा जाएगा उनको बखूबी पूरा करेंगे।  मंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि टेक्नोक्रेट स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छता, शिक्षा, कौशल और मॉबिलिटी जैसे क्षेत्रों में सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के साथ न्याय करने में सक्षम होंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एलबीएसएनएए (लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी) मसूरी तथा अन्य केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक पाठ्यक्रम और एकीकृत दृष्टिकोण पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ ही प्रशिक्षण में भी व्यापक बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासन का सबसे बड़ा मकसद मिशन कर्मयोगी के माध्यम से भारत के आम आदमी के लिए ’इज ऑफ लिविंग’ लाना है।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री पीके त्रिपाठी ने सीएसई 2020 के टॉपर्स का स्वागत करते हुए कहा कि अधिकारी अमृतकाल की शुरुआत में सेवा में प्रवेश कर रहे हैं और उन्हें देश के भविष्य को परिभाषित करने के लिए अगले 25 वर्षों के दौरान अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि वे विविध अवसरों और चुनौतियों से भरे अपने शानदार करियर में देश को अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम होंगे। कार्यक्रम में विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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