Western Times News

Gujarati News

“कामधेनु दीपावली अभियान” मनाने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस वर्ष दिवाली महोत्सव में गाय के गोबर / पंचगव्य उत्पादों के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 

PIB New Delhi, गौमाया गणेश अभियान की प्रतिक्रिया से उत्साहित, जिसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा की गई अपील के आधार पर गणेश महोत्सव के लिए मूर्तियों के निर्माण में पर्यावरण के अनुकूल सामग्री के उपयोग को प्रोत्साहित किया, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने इस साल दीपावली त्योहार के अवसर पर “कामधेनु दीपावली अभियान” मनाने का अभियान शुरू किया है।

इस अभियान के माध्यम से, आरकेए इस दिवाली महोत्सव के दौरान गाय के गोबर / पंचगव्य उत्पादों के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। इस वर्ष के दिवाली उत्सव के लिए गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, समरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है।

आरकेए का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्वलित करना है। अब तक प्राप्त प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है और लगभग 3 लाख दीयों को केवल पवित्र शहर अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा और 1 लाख दीये पवित्र शहर वाराणसी में जलाए जाएंगे। हजारों गाय आधारित उद्यमियों / किसानों / महिला उद्यमियों को व्यवसाय के अवसर पैदा करने के अलावा, गाय के गोबर से बने उत्पादों के उपयोग से स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी मिलेगा। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर ’बनाने में भी मदद करेगा। चीन निर्मित दीयों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करके यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की परिकल्पना और अभियान को बढ़ावा देगा और पर्यावरणीय क्षति को कम करते हुए स्वदेशी ’आंदोलन को भी प्रोत्साहन देगा।

आरकेए इस वर्ष की दीपावली में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं के निर्माण में गाय के गोबर के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने और बढ़ावा देने के लिए वेबिनार की एक श्रृंखला के माध्यम से विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है। आरकेए ने देश भर में गौशालाओं में कामधेनु दीपावली से संबंधित वस्तुओं के उत्पादन और सुविधा के साथ देशव्यापी विपणन योजना लिए पूरे देश के हर जिले में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। कामधेनु दीपावली के अभियान को बडे पैमाने पर सफल बनाने के लिए किसानों, निर्माताओं, उद्यमियों, गौशालाओं और अन्य संबंधित हितधारकों के विभिन्न खंडों को बड़े पैमाने पर शामिल किया जा रहा है।

हाल ही में, आरकेए ने प्रधानमंत्री की अपील पर इस साल के गणेश महोत्सव के लिए भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण में पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। इसने डेयरी किसानों / बेरोजगार युवाओं / महिलाओं और युवा उद्यमियों / गौशालाओं / गोपालकों / स्वयं सहायता समूहों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों में काफी रुचि पैदा की।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) का गठन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गायों और गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास तथा पशु विकास कार्यक्रम को दिशा प्रदान करने के लिए किया गया है। मवेशियों से संबंधित योजनाओं के बारे में नीति बनाने और कार्यान्वयन को दिशा प्रदान करने के लिए आरकेए एक उच्च शक्ति वाला स्थायी निकाय है ताकि आजीविका उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा सके। पशुधन अर्थव्यवस्था का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 73 मिलियन घरों में होता है।

देश भले ही, दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बावजूद भारत में औसत दूध का उत्पादन दुनिया के औसत का केवल 50% है। कम उत्पादकता मुख्य रूप से आनुवंशिक स्टॉक में गिरावट, खराब पोषण और अवैज्ञानिक प्रबंधन के कारण है। गाय और गाय आधारित कृषि और गाय आधारित उद्योग के बारे में प्रवृत्ति को बदल दिया जाना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गरीब समाज के सामाजिक और आर्थिक कायाकल्प के लिए तुरंत इसे ठीक करने की आवश्यकता है।

आरकेए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को लागू करने की पूरी कोशिश कर रहा है। गौ-केंद्रित अर्थव्यवस्था अपना योगदान देकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद कर सकती है। इस उद्देश्य के लिए, आरकेए किसानों, गौपालकों, युवाओं, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों और अन्य हितधारकों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न गाय-पंचगव्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।


Read News In Hindi

Read News in English

Copyright © All rights reserved. | Developed by Aneri Developers.