‘अपना टाइम भी आएगा‘ की मेघा रे ने बताया अपना अनुभव
‘‘रानी की तरह मैं भी मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहती थी, लेकिन मुझसे कहा गया कि लड़कियों को यह नहीं करना चाहिए‘‘
ज़ी टीवी ने हाल ही में एक नया फिक्शन शो ‘अपना टाइम भी आएगा‘ प्रस्तुत किया है, जो जयपुर के एक अमीर परिवार के हेड स्टाफ की बेटी रानी की प्रेरणादायक कहानी है। रानी अपनी गरीबी से बंधे रहने से इंकार कर देती है और अपनी हैसियत की बेड़ियां तोड़कर खुद अपनी तकदीर बनाना चाहती है।
टेलीविजन एक्ट्रेस मेघा रे, रानी की भूमिका बखूबी निभा रही हैं। वैसे, उनकी जिंदगी के असली संघर्ष भी उनके किरदार रानी से अलग नहीं हैं।
अपने ऑनस्क्रीन किरदार की तरह मेघा रे भी हर मामलों में अपनी एक खास राय रखती हैं और साफ बोलना पसंद करती हैं। मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया में आने से काफी पहले मेघा भी अपने किरदार की तरह मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना चाहती थीं। हालांकि उनका वो दौर भी लिंग असमानता को लेकर समाज की चुनौतियों का सामना किए बिना नहीं गुजरा। जहां मेघा रे भी भेदभाव का शिकार हुईं, वहीं वो मानती हैं कि लोगों को यह धारणा नहीं पालना चाहिए कि महिलाएं क्या कर सकती हैं और क्या नहीं!
अपना अनुभव बताते हुए मेघा ने कहा, ‘‘रानी की तरह मैं भी मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहती थी। उस वक्त मुझसे अक्सर कहा जाता था कि लड़कियों को यह नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत काम करना पड़ता है। महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले शारीरिक तौर पर कमजोर माना जाता है।
मैं इससे पूरी तरह असहमत नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि यह सोच यहां लागू नहीं होती। इसमें यह मायने रखता है कि आप कुछ बनने की अपनी काबिलियत और उसे हासिल करने के बारे में क्या सोचती हैं। महिलाओं और पुरुषों में फर्क होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें रुक जाना चाहिए। हम वो सब कर सकते हैं जो हम आजादी से करना चाहते हैं।‘‘
वैसे मेघा का यह हौसला और उनकी समझदारी सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, लेकिन क्या रानी अपने फैंस को इसी तरह प्रेरणा दे पाएगी? अपने निर्दोष पिता को झूठे इल्ज़ाम से बचाने के लिए संघर्ष कर रही रानी क्या सबके सामने, खासतौर पर राजेश्वरी के सामने अपनी काबिलियत साबित कर पाएगी?
आगे क्या होगा? जानने के लिए देखिए ‘अपना टाइम भी आएगा‘, सोमवार से शनिवार, शाम 7 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर।