आम बजट 2021-22 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी ‘राहत’ है
राजमार्गों का विस्तार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क व रेल परिवहन, मेट्रो रेल परियोजनाओं का विकास देश के कोने-कोने को जोड़ने और फिर इन क्षेत्रों में घरों की मांग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा
माननीय वित्त मंत्री द्वारा आज घोषित आम बजट 2021-22 में देश को भरोसा दिलाया गया कि सरकार महामारी के बाद आर्थिक पुनरुत्थान के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी और 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की आकांक्षा को हकीकत बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी। जैसा कि माननीय वित्त मंत्री ने उल्लेख किया है कि वर्ष 2021 वास्तव में एक ऐतिहासिक साल है, क्योंकि भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष श्री सतीश मागर ने कहा, “वित्त वर्ष 21-22 में कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने से वैक्सीन का हमारे देश के सबसे ज्यादा कमजोर तबके तक पहुंचना सुनिश्चित होगा। इससे ग्राहकों की समग्र धारणा और खरीदारी के व्यवहार में सुधार होगा, साथ ही अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित होगी।
राजमार्गों का विस्तार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क व रेल परिवहन, मेट्रो रेल परियोजनाओं का विकास देश के कोने-कोने को जोड़ने और फिर इन क्षेत्रों में घरों की मांग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों और नए रोजगारों को प्रोत्साहन मिलेगा।”
क्रेडाई चेयरमैन जक्षय शाह ने कहा, “यह अगले चरण के सुधारों के साथ विकास का बजट है, जिसमें स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। साथ ही एक स्थायी कर व्यवस्था निर्धारित की गई है और पूंजी खर्च के लिए ज्यादा ऊधारी की व्यवस्था की गई है।
बजट 2021-22 बजट कोविड के बाद पुनरुत्थान के मिशन में बजट शुरुआती कदम है और इसने भारत को उत्कृष्ट आर्थिक विकास के मामले में वैश्विक परिदृश्य पर स्थापित कर दिया है।”
क्रेडाई की सिफारिश के क्रम में माननीय वित्त मंत्री सस्ती आवासीय परियोजना के लिए कर अवकाश एक अन्य साल यानी 21 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है और साथ ही खरीदारों के लिए ब्याज के भुगतान पर कटौती भी एक अन्य साल के लिए बढ़ा दी है।
इससे सस्ते मकानों के लिए मांग को प्रोत्साहन मिलेगा और यह रियल एस्टेट सेक्टर का सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड रहा है।
रियल एस्टेट सेक्टर के लिए तरलता बढ़ाने और जरूरी फंडिंग उपलब्ध कराने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के साथ विकासात्मक वित्तीय संस्थान की स्थापना की घोषणा और बीमा में 74 प्रतिशत तक एफडीआई अनुमति, कारोबारी सुगमता को प्रोत्साहन देने के लिए एक अलग प्रशासनिक ढांचे की स्थापना स्वागत योग्य कदम हैं।
एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी की घोषणा से बैंकों को बैंकिंग सेक्टर पर दबाव में कमी के साथ बैड लोन की समस्या से पार पाने में मदद मिलेगी, क्योंकि अब इन इकाइयों के द्वारा एनपीए की देखरेख की जाएगी।
रीट्स और इनविट्स के माध्यम से कर्ज की फंडिंग को अनुमति देने के प्रस्तावित संशोधन से रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ज्यादा निवेश आकर्षित होगा। रीट्स और इनविट्स को लाभांश भुगतान पर टीडीएस से छूट के प्रस्ताव से खुदरा निवेशक रीट्स में निवेश के अवसर खोजने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
हालांकि, बजट में आईटी स्लैब्स में बदलाव, 80सी की सीमा में बढ़ोतरी, होम लोन की ब्याज दरों में कमी आदि लोकप्रिय मांगों के संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई। इसके साथ ही खर्च को प्रोत्साहन देने के लिए करदाताओं के हाथ में ज्यादा पैसा सुनिश्चित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए।
इस्पात और अन्य धातुओं की कीमतों में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए माननीय वित्त मंत्री ने कॉपर स्क्रैप पर सीमा शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने की घोषणा की है। सेक्टर के विकास के लिए नियंत्रित मूल्य पर आवश्यक निर्माण सामग्रियों की उपलब्धता खासी अहम है।
कुल मिलाकर बजट में वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के चलते कई संभावित घर खरीदार इस साल सही फैसला लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे और रियल एस्टेट सेक्टर निवेश का पसंदीदा विकल्प बना रहेगा।