कर्नाटक में आज से बसवराज सरकार की शुरुआत
बेंगलुरू: बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. बोम्मई क राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई. इसके साथ ही वे राज्य के 23वें मुख्यमंत्री बन गए. बसवराज इससे पहले येदियुरप्पा सरकार में गृह और कानून जैसे अहम मंत्रालय देख रहे थे. Basavaraj Bommai sworn-in as the new Chief Minister of Karnataka
नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को येदियुरप्पा का बेहद चहेता माना जाता है. विधायक दल की बैठक में येदियुरप्पा ने ही बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा. बोम्मई को जनता दल से बीजेपी में लाने वाले येदियुरप्पा ही माने जाते हैं. लिंगायत समुदाय से आने वाले बोम्मई के पिता एस आर बोम्मई भी कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं.
शपथ ग्रहण से पहले ही मुख्यमंत्री बसवाराज बोम्मई एक्शन में नजर आए. उन्होंने कहा कि मैं आज बाद में कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करूंगा. उसके बाद, मैं राज्य में COVID-19 और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा. शपथ ग्रहण से पहले बसवराज बोम्मई भगवान श्री मारुति मंदिर में दर्शन करने पहुंचे.
बोम्मई की छवि साफ है. साथ ही येदियुरप्पा के करीबी और चहेते भी हैं. इस वक्त बीजेपी येदियुरप्पा को नाराज करने का रिस्क नहीं उठा सकती, यही कारण है कि येदियुरप्पा के कहे गए नाम पर मोहर लगानी पड़ी. इसे येदियुरप्पा का मास्टरस्ट्रोक कह सकते हैं क्योंकि बोम्मई येदियुरप्पा का मोहरा हैं.
बोम्मई लिंगायत चेहरा हैं और बीजेपी से तीन बार विधायक रहे हैं. लिंगायत समुदाय बीजेपी के ट्रेडिशनल वोटर्स रहे हैं और राज्य में करीब 19% है. खुद येदियुरप्पा के लिंगायत हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने लिंगायत को चुनने की चुनौती थी.
बोम्मई पहले जेडीएस में थे, दो बार एमएलसी रहे. 2008 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और तब से तीन बार विधायक रहे. उनके पिता एस आर बोम्मई भी पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और एचडी देवगौड़ा सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. सोमवार को बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद मंगलवार की सुबह कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह और ऑब्जर्वर चुने गए धर्मेंद्र प्रधान और किशन रेड्डी बेंगलुरु पहुंचे. इसके बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई.