गिरनार रोपवे टिकट की 826 रुपये दर से जनता नाराज
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्टूबर को गिरनार रोपवे का उद्घाटन किया है। गिरनार का रोपवे उद्घाटन के पहले दिन, 300 से अधिक लोगों ने सुबह 8 से 10 बजे तक यानि 2 घंटे में यात्रा की है। दशहरे के मौके पर बड़ी संख्या में लोग माताजी के दर्शन के लिये पहुंचे और वे रोप-वे का भी आनंद उठाया।
गिरिनार भारत में सबसे प्राचीन हिंदू और जैन क्षेत्रों में से एक है। भगवान दत्तात्रेय ने पहाड़ी की चोटी पर तपस्या की। साथ ही एक क्षत्र जहां 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ ने निर्वाण प्राप्त किया। नेमिनाथ / दत्त पादुका दर्शन के लिए लोगों को 10,000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। जीसके लिए 6 घंटे लगते है.
रोप-वे का टिकट व्यस्कों के लिये 700 रुपये और बच्चों के लिये 350 रुपये तय किए हैं। एक तरफा टिकट 400 रुपये रखा गया है। टिकट की कीमतों में कमी की मांग भी बढ़ रही है क्योंकि लोगों को टिकट की कीमतें बहुत अधिक लग रही हैं। और टिकट के उपर अलग से 18 परसेन्ट यानी की 126 रूपये जीएसटी भी लगता है. ये टिकिट आम आदमी को 826 रूपये में खरीदना पडेगा.
गुजरात के पंचमहाल जीले में पावागढ रोप वे 730 मिटर लंबा है, पावागढ में रोप वे कि किमत 140 रूपये है. पावागढ से तीन गुना लंबा गीरनार का रोप वे है और टिकट की किमत छह गुना है.
गिरनार रोप-वे परिसर को नो-तंबाकू ज़ोन घोषित किया गया है। इसके चलते पर्यटकों के लिए तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट जैसे सामान ले जाना प्रतिबंधित हो गया है। अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 500 रुपये का जुर्माना देना होगा।
रोपवे के निचले स्टेशन और ऊपरी स्टेशन के बीच की दूरी 2,126.40 मीटर है। अगर लोग गिरनार की सीढ़ियां चढ़कर अंबाजी पहुंचते हैं, तो उन्हें 5 से 6 घंटे बिताने पड़ते हैं, लेकिन अब लोग रोपवे के रास्ते से महज 7 से 8 मिनट में गिरनार की तलहटी से अंबाजी पहुंच जायेंगे। रोप-वे ट्रॉली को निचले स्टेशन से ऊपरी स्टेशन तक पहुंचने में 6 से 7 मिनट का समय लगता है लेकिन ऊपरी स्टेशन से निचले स्टेशन पर लौटने के लिए ट्रॉली को केवल 5 से 6 मिनट लगते हैं।