गुजरात के इंजीनियरों की मदद से इंदौर में शुरू किया गया तीन साल से बंद आक्सीजन प्लांट
इच्छाशक्ति हो तो कोरोना जैसी महामारी के महासंकट में भी रास्ता निकाला जा सकता है। इसकी बानगी है, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के समीप स्थित पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का मित्तल स्टील (एमसीएल ग्लोबल) का आक्सीजन प्लांट। यह प्लांट करीब साढ़े तीन साल से बंद था,
लेकिन प्रदेश में गहराते आक्सीजन संकट के कारण इसे मात्र सात दिन में शुरू कर दिया गया है। रामनवमी (21 अप्रैल) के दिन प्लांट का सर्वे शुरू किया गया और हनुमान जयंती (27 अप्रैल) पर यह तैयार हो गया। अब बुधवार से यह आक्सीजन प्लांट कोरोना मरीजों को प्राणवायु देने लगेगा। यहां हर दिन करीब 40 टन आक्सीजन तैयार होगी,
जिससे एक दिन में करीब चार हजार सिलिंडर भरे जा सकेंगे। इस प्लांट के शुरू होने से इंदौर और उज्जैन संभाग को बड़ी राहत मिलेगी। यहां से इंदौर संभाग के अलावा उज्जैन व देवास सहित नौ जिलों को आक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। प्लांट चालू करने के लिए सरकार की ओर से औद्योगिक केंद्र विकास निगम, इंदौर और प्लांट की मालिक कंपनी एमसीएल ग्लोबल के तकनीकी अधिकारी दिन-रात जुटे रहे।
इसके लिए गुजरात, मुंबई और दिल्ली से कंप्रेशर, प्रेशर यूनिट, आक्सीजन टेस्टिंग मशीन आदि कलपुर्जे लाए गए। साथ ही गुजरात से इंजीनियरों की भी मदद ली गई। गुजरात से सामान लाने में सीमा पार कराने में आ रही समस्या और समय बचाने के लिए इंदौर प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।