दांडी मार्च मार्ग पर नमक उत्पादन से जुड़े कर्मियों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के नमक आयुक्त संगठन ने गुजरात के भरूच जिले में दांडी मार्च मार्ग पर मगनाद और आमोद में नमक उत्पादन से जुड़े कर्मियों के लिए आज एक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
इस स्वास्थ्य शिविर में देवला, मालपुर, नादा, असारा, तंकारी, जम्बुसार, गंधार और दाहेज के 236 नमक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस स्वास्थ्य शिविर में नमक कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच 10:30 पर शुरू हुई और दोपहर 1:30 तक जारी रही। शिविर में राजकीय चिकित्सा विद्यालय और अस्पताल तथा जम्बुसार के तालुका स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य जांच की।
स्वास्थ्य परीक्षण में पैरामेडिकल स्टाफ ने चिकित्सक दल की सहायता की। चिकित्सकों द्वारा बताई गई दवाएं भी नमक उत्पादन से जुड़े कर्मियों को वितरित की गईं। भरूच के उपायुक्त और अहमदाबाद के उप-नमक आयुक्त (प्रभारी) इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए शिविर में उपस्थित रहे।
‘अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है जो स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा देश भर में आयोजित की जा रही है। इस महोत्सव का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 12 मार्च, 2021 को किया गया था। हमारे देश के स्वाधीनता के इतिहास को बदलने में नमक की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नमक उत्पादन से जुड़े कर्मचारी अनवरत अपने कठिन परिश्रम से नमक का उत्पादन कर रहे हैं और भारत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
स्वतंत्रता से पहले भारत के नागरिकों को महंगे आयातित नमक को खरीदने के लिए बलपूर्वक बाध्य किया गया और स्थानीय स्तर पर नमक के उत्पादन पर पाबंदी लगा दी गई थी। महात्मा गांधी द्वारा किए गए दांडी मार्च का महत्व भारत के स्वाधीनता संघर्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नमक उत्पादक देश है और यह विश्व भर में नमक का निर्यात करता है। भारत की नमक उत्पादन की क्षमता अब 30 मिलियन टन हो गई है जो स्वाधीनता से पहले 2 मिलियन टन से भी कम थी। भारत अपनी घरेलू खपत और औद्योगिक मांग को पूरा करने के बाद तकरीबन 5 मिलियन टन नमक दुनिया के विभिन्न देशों को निर्यात कर रहा है।
आयोडीन और आयरन जैसे पोषक तत्वों का विकल्प उपलब्ध कराने में नमक की विशिष्ट भूमिका रही है और इसकी प्रभावशीलता सिद्ध हुई है। जब हमने समूची जनसंख्या तक आयोडीन युक्त नमक सुलभ कराया तब आयोडीन की कमी की समस्या को प्रभावी ढंग से खत्म करने में बड़ी सफलता मिली।