पश्चिम रेलवे ने अत्यावश्यक सामग्री के परिवहन के लिए मालगाड़ियों के 16 हज़ार रेकों का बड़ा ऑंकड़ा किया पार
पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल के विंडमिल गुड्स शेड में लोडिंग गतिविधियों के विभिन्न दृश्य।
कोरोनावायरस के कारण घोषित पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान परिदृश्य के दौरान परिवहन और श्रम की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने अपनी लोडिंग गतिविधियों को लगातार जारी रखा है। अत्यावश्यक सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने के लिए पश्चिम रेलवे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है,
यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि लॉकडाउन के दौरान सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने मालगाड़ियों के 16 हजार से अधिक रेकों में माल परिवहन के बड़े ऑंकड़े को पार कर लिया है। यह अहम उपलब्धि पश्चिम रेलवे के कर्मठ अधिकारियों और निष्ठावान कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों की बदौलत ही सम्भव हो पाई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 26 सितम्बर, 2020 तक मालगाड़ियों के 16,152 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है, जिसके फलस्वरूप 4272 करोड़ रु. से अधिक का उल्लेखनीय राजस्व हासिल हुआ है।
विभिन्न स्टेशनों पर श्रमशक्ति की कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के ज़रिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन बखूबी सुनिश्चित किया जा रहा है। इनमें पीओएल के 1685, उर्वरकों के 3028, नमक के 848, खाद्यान्नों के 152, सीमेंट के 1410, कोयले के 561, कंटेनरों के 7,368 और सामान्य माल के 70 रेकों सहित कुल 33.91 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया।
इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 31,694 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 15,841 ट्रेनें सौंपी गईं और 15,853 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया।
इस अवधि के दौरान जम्बो के 2070 रेक, BOXN के 1013 रेक और BTPN के 912 रेकों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आवक रेकों की अनलोडिंग पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के बावजूद सुनिश्चित की गई।
श्री ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च, 2020 से 26 सितम्बर, 2020 तक लगभग 1.35 लाख टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 568 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस परिवहन के माध्यम से हासिल होने वाला राजस्व 45.23 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस अवधि के दौरान 95 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 72 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों का 100 % उपयोग सुनिश्चित हुआ। इसी प्रकार, 43,000 टन से अधिक भार वाली 429 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा, 20 हज़ार टन भार वाले 44 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये।
पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से एक पार्सल स्पेशल ट्रेन पश्चिम रेलवे के ओखा स्टेशन से 27 सितम्बर, 2020 को गुवाहाटी के लिए रवाना हुई।
श्री ठाकुर ने बताया कि अभी तक सभी पार्सल विशेष ट्रेनें एकल एसएलआर के साथ चल रही थीं। कुछ स्टेशनों पर इन ट्रेनों के रिवर्सल के कारण कई बार समयपालनता प्रभावित हो रही धी। अतः समयपालनता में सुधार के लिए, पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को तत्काल प्रभाव से दोनों तरफ एसएलआर के साथ चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, ट्रेन नम्बर 00949/50 ओखा- न्यू गुवाहाटी पार्सल स्पेशल ट्रेन अब तत्काल प्रभाव से न्यू गुवाहाटी के बजाय गुवाहाटी से शुरू / समाप्त होगी। रेलवे द्वारा यह निर्णय अधिकतम पार्सल वैन केवल गुवाहाटी के लिए होने के कारण लिया गया है। तदनुरूप, ट्रेन संख्या 00949/50 ओखा-गुवाहाटी अब 20.30 बजे गुवाहाटी से प्रस्थान करेगी और ओखा से अपनी वापसी यात्रा में, अपने संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, 23.00 बजे गुवाहाटी पहुॅंचेगी।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2727 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 415 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 2312 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद,1 मार्च, 2020 से 26 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 435 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है।
उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 210.56 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 67.61 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।