Western Times News

Gujarati News

पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन द्वारा सामुदायिक स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए गांधीजी के मार्ग का अनुसरण

पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन सामुदायिक स्वच्छता की सामाजिक संकल्पना को बढ़ावा देने और इस सम्बंध में जागरूकता लाने के लिए गांधीवादी दर्शन और विचाधारा का अनुसरण कर रहा है। महात्मा गांधीजी की 151वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम रेलवे द्वारा ‘स्वच्छता पखवाड़े’ का आयोजन किया गया था,

जिसके दौरान पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल और उनकी पूरी टीम ने श्रमदान गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त, स्वच्छता के महत्व के सम्बंध में जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन संगठन द्वारा किया गया।

अहमदाबाद मंडल के गांधीधाम और भुज में हाल ही में अपने दौरा कार्यक्रम के दौरान भी  श्रीमती तनुजा कंसल ने विभिन्न श्रमदान गतिविधियों में हिस्सा लिया और इन स्टेशनों पर साफ-सफाई मानकों को बनाए रखने के लिए सम्बंधित सफाई कर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने गांधीधाम स्टेशन पर रीसाइकिल की गई प्लास्टिक से बनाई जाने वाली बेंचों की पर्यावरण अनुकूल पहल को सराहा । इस अवसर पर श्रीमती तनुजा कंसल ने स्वच्छता पखवाड़े के दौरान रेल कर्मियों के बच्चों के लिए आयोजित ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता घोषित बच्चों को पुरस्कृत किया। साथ ही अन्य प्रतिभागियों को प्रोत्साहित भी किया।

श्रीमती कंसल ने अभियान के विजेताओं को सम्बोधित करते हुए महात्मा गांधी के कथन “स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।” को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए सबसे बड़े और मुखर समर्थक थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ मानसिकता और वातावरण जीवन को अच्छा, सच्चा और ईमानदार दृष्टिकोण प्रदान करते है।

वास्तव में यह हर किसी की ज़िम्मेदारी है कि हम न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाने में सक्रिय भूमिका निभायें। सरकार और नगर निगम केवल एक निश्चित स्तर तक मदद कर सकते हैं, लेकिन यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने में मदद करें।

गांधी जी के शब्दों को दोहराते हुए श्रीमती कंसल ने कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में गांधीजी के नक्शे कदम पर चलने की ज़रूरत है। इसलिए हमें स्वच्छता को बोझ नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी के रूप में लेना चाहिये, ताकि हम अपने जीवन में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर सके।


Read News In Hindi

Read News in English

Copyright © All rights reserved. | Developed by Aneri Developers.