बिहार में अपने पहले 5KW के बायो-गैस उत्पादक संयंत्र का उद्घाटन किया
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‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ अर्थात् 14 दिसंबर, 2020 को संयंत्र का परिचालन शुरू हुआ
टीपी रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड (टीपीआरएमजी), जो टाटा पावर की पूर्ण स्वामित्व वाला अनुषंगी है, ने आज घोषणा की कि यह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कमलपुरा (बसैठा) गांव स्थित अपने पहले 5-किलोवाट बायो-गैस उत्पादक संयंत्र का उद्घाटन किया। इस प्लांट का परिचालन ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ अर्थात् 14 दिसंबर, 2020 को शुरू हुआ।
टीपीआरएमजी ने ग्रासरूट्स एनर्जी के साथ मिलकर इस संयंत्र का निर्माण किया। इस संयंत्र में गोबर का उपयोग किया जाता है, जिसे आसपास के गांवों से खरीदा जाता है और फिर, इसे बायो-डाइजेस्टर से प्रोसेस किया जाता है, जिससे मिथैन गैस पैदा होती है।
तत्पश्चात, इस गैस का उपयोग विशेष प्रकार से डिजाइन किये गये 5 किलोवाट के जेनरेटर को चलाने के लिए किया जाता है, जिससे बिजली पैदा की जाती है और इस बिजली का उपयोग पास के 30 किलोवाट के माइक्रोग्रिड जेनरेटिंग स्टेशन को चलाने के लिए किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि इस बायो-गैस संयंत्र के अपशिष्ट पदार्थ का उपयोग करके किसानों के लिए जैविक खाद तैयार किया जाता है।
इस अवसर पर, टाटा पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक, श्री प्रवीर सिन्हा ने कहा, ”यह हमारे लिए गौरव का पल है कि हम भारत की सबसे अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी बनने के हमारे उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं और राष्ट्र को इसकी हरित ऊर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हम इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड समय में पूरा करने और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर इस संयंत्र का परिचालन शुरू कर पाने के लिए हमारी टीम को बधाई देते हैं।”
टीपी रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री मनोज गुप्ता ने कहा, ”यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमें हमारे पहले बायो-गैस संयंत्र के लिए ग्रासरूट एनर्जी के साथ सहयोग करने पर गर्व है। किफायती तरीके से परिशुद्ध गैस पैदा करने हेतु इस कम लागत वाले एवं कम ऊर्जा-खपत वाली तकनीक के साथ, हम वर्तमान में अपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने वाले विविध बाजार खंडों को सेवा प्रदान करेंगे। हम उन्हें बिना उनका प्रदर्शन कम किये निम्न लागत वाले बायो-गैस चालित बिजली का उपयोग करने में उन्हें सक्षम बनायेंगे।”
गांव के प्रधान, भू-स्वामी, ग्रासरूट एनर्जी टीम एवं टीपीआरएमजी की टीम की मौजूदगी में इस बायो-गैस संयंत्र का उद्घाटन किया गया। टीपीआरएमजी का अब जोर भारत के ग्रामीण क्षेत्र में अपने बायो सीएनजी संयंत्र तैयार एवं शुरू करने पर है।