ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामलों में आ सकती है तेजी: रणदीप गुलेरिया
नई दिल्ली। कोरोना के बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। म्यूकोरमाइकोसिस मरीजों के लिए ज्यादा घातक साबित हो रहा है। इसमें कुछ मरीजो की आंखें तक निकालनी पड़ती है और मृत्यु दर भी अधिक है।
इसी संदर्भ में ऐम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने इस फंगल इंफेक्शन से सभी को चेताया है। वे कहते हैं कि कोविड के मरीज इससे ज्यादा ग्रसित हैं। इसीलिए डॉक्टरों को भर्ती हो रहे नए कोरोना मरीजों का ब्लड और शुगर लेवल पर ज्यादा ध्यान देना होगा। ब्लैक फंगस के 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज डायबेटिक होते हैं।
उन्होंने कहा कि डेटा में ये स्पष्ट रूप से पता चलता है कि मधुमेह और स्टेरॉयड की अधिक मात्रा से माइकोर्मिकोसिस होने का खतरा बढ़ता है। स्टेरॉयड ज्यादा मात्रा में लेने से ब्लड और शुगर लेवल बढ़ जाता है।
उन्होंने गुजरात के डॉक्टरों के साथ हुई एक बैठक का हवाला दिया जहां उन्होंने केवल सरकारी अस्पतालों से फंगल संक्रमण के 500 से अधिक मामलों की सूचना दी है। कोविड से ठीक होने के बाद भी मरीजों में इंफेक्शन देखा गया है।