मिशन कोविड सुरक्षा के तहत कोवैक्सिन उत्पादन की निर्माण क्षमता का विस्तार
भारत सरकार ने आत्म निर्भर भारत मिशन 3.0 कोविड सुरक्षा के तहत स्वदेशी कोविड टीकों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने की घोषणा की थी। इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
मिशन के तहत भारत सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए वैक्सीन बनाने की सुविधाओं के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन की वर्तमान उत्पादन क्षमता मई-जून 2021 तक दोगुनी हो जाएगी और फिर जुलाई – अगस्त 2021 तक लगभग 6-7 गुना बढ़ जाएगी यानी अप्रैल, 2021 की 1 करोड़ वैक्सीन खुराक को बढ़ाकर जुलाई-अगस्त में 6-7 करोड़ वैक्सीन खुराक/महीना तक ले जाया जाएगा। सितम्बर 2021 तक इसके प्रति माह बढ़कर लगभग 10 करोड़ खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है।
कुछ हफ़्ते पहले, अंतर-मंत्रालय टीमों ने भारत में 2 मुख्य वैक्सीन निर्माताओं के कार्यस्थलों का दौरा किया था, ताकि वे इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें कि उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है। इस अवधि में, टीका निर्माताओं के साथ चर्चा की जा रही योजनाओं पर व्यापक समीक्षा और व्यवहार्यता अध्ययन किए गए हैं।
इस वृद्धि योजना के तहत, भारत बायोटेक लिमिटेड, हैदराबाद के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य निर्माताओं की क्षमताओं को आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत किया जा रहा है। भारत बायोटेक की नई बंगलौर सुविधा के लिए भारत सरकार द्वारा करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे टीके के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की 3 कंपनियों का भी सहयोग किया जा रहा है।
• महाराष्ट्र राज्य के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम- हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई। इसके तैयार करने के लिए करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में भारत सरकार से अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल लिमिटेड ने इस कार्य को पूरा करने के लिए लगभग 12 महीने का समय मांगा था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उन्हें काम में तेजी लाने और 6 महीने के भीतर तेजी से काम पूरा करने को कहा। एक बार चालू हो जाने पर इस स्थान में प्रति माह 2 करोड़ (20 मिलियन) डोज की क्षमता होगी।
• राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अंतर्गत एक सुविधा- इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (आईआईएल), हैदराबाद और भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सीपीएसई –भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बॉयोलॉजिकल्स लिमिटेड (बीआईबीसीओएल), बुलंदशहर को भी अगस्त-सितम्बर 2021 तक प्रति माह 10-15 मिलियन डोज प्रदान करने के लिए उनकी सुविधा तैयार करने में सहयोग किया जाएगा।