मुजफ्फरपुर में एक साथ सजी दो सगे भाइयों की अर्थी
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता पुरानी महामारियों की याद ताजा करने लगी है. पहले जब कभी हैजा व चेचक का प्रकोप होता था तो कई-कई परिवार साफ हो जाते थे. कई परिवारों में इक्के-दुक्के लोग बच जाते थे. कोरोना महामारी भी अब कुछ उसी तरह का रूप धारण करता जा रहा है. मंगलवार की रात कोरोना के प्रकोप ने दो सगे भाइयों को अपनी चपेट में ले लिया और दोनों भाइयों की मौत हो गयी.
दोनों भाई चर्चित व्यवसायी थे जो मुजफ्फरपुर में कार्ड वाले के नाम से वर्षों से फेमस थे. कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद छोटे भाई को एसकेएमसीएच के बगल स्थित एक निजी अस्पताल में 16 अप्रैल को भर्ती कराया गया, वहीं बड़े भाई को ब्रह्मपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में 17 अप्रैल को भर्ती कराया गया.
छोटे भाई की मौत मंगलवार की रात 11: 30 बजे अस्पताल में ही हो गयी तो बड़े भाई ने रात को 2 : 30 बजे अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस घटना की जानकारी के बाद छाताबाजार में कोहराम मच गया. दोनों के शव को सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम भेज दिया गया.
दोनों भाइयों की अर्थी भी एक साथ ही सजी, जहां मृत बड़े भाई के बड़े पुत्र ने अपने पिता व चाचा को एक साथ मुखाग्नि दी. अपने पति को अस्पताल में भर्ती होने के बाद नहीं देख पायी छोटे भाई की पत्नी भी श्मशान घाट पहुंच कर अपने पति के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन की.दोनों भाइयों के एक साथ हुए निधन के बाद शोक की लहर है.