राजस्थान सरकार ने पुष्कर मेला आयोजन की अनुमति दी
कोरोना वायरस संकट के बीच नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. नवरात्रि के दौरान गरबा, डांडिया के साथ ही दशहरा के दिन कई जगह रावण दहन के कार्यक्रमों का आयोजन होता आया है. कोरोना के खतरे को देखते हुए नवरात्रि में इतने दिन गुजर जाने तक राजस्थान सरकार ने अपने पत्ते नहीं खोले थे.
अब सरकार ने गरबा और डांडिया के कार्यक्रम आयोजित करने वालों को बड़ी राहत दे दी है.नवमी से तीन दिन पहले राजस्थान सरकार ने गरबा और डांडिया के आयोजन की छूट दे दी है. कोरोना के कारण प्रदेश में लागू पाबंदियों में ढील देते हुए राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि डांडिया और गरबा खेलने के लिए आयोजन में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं.
हालांकि, सरकार ने इसके लिए सख्त प्रोटोकॉल भी जारी किए हैं.गरबा और डांडिया के आयोजन में वही शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने कम से कम वैक्सीन की एक डोज ले ली हो. आयोजन में शामिल होने के लिए वैक्सीन की एक डोज की शर्त सरकार ने अनिवार्य तो की है लेकिन इसकी तस्दीक कैसे होगी, इस बारे में सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है. प्रदेश में पंडाल बनाकर दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं हो रहा है.
राजस्थान सरकार ने पुष्कर मेले के आयोजन को भी हरी झंडी दे दी है. राजस्थान सरकार ने पशु मेला और हाट मेले के आयोजन की भी इजाजत दे दी है. हालांकि, कहा गया है कि इन मेलों का आयोजन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही होगा. रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा.
सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान रात 10 बजे तक खुले रहेंगे.सरकार की ओर से ये भी साफ कर दिया गया है कि रावण दहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा. प्रदेश सरकार का कहना है कि आतिशबाजी पर पाबंदी की वजह से रावण दहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
इन सबके बीच राजस्थान के पटाखा व्यावसायियों ने ग्रीन पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. इनका कहना था कि पड़ोसी राज्यों में ग्रीन पटाखे बेचने की इजाजत है लेकिन राजस्थान सरकार ने इसपर भी पाबंदी लगा रखी है जिससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.