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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित “पोषण और कोविड जागरूकता शिविर”

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एनएमडीएफसी द्वारा सीएसआर कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली में आयोजित “पोषण और कोविड जागरूकता शिविर” को संबोधित किया

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि आपदा को अवसर बनाने में सरकार, समाज और संस्थाओं ने कंधे से कंधा मिला कर प्रेरणादायक काम किया है।

आज नई दिल्ली में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा जरूरतमंद तबकों की महिलाओं के लिए आयोजित “पोषण और कोविड जागरूकता शिविर” में अपने सम्बोधन में श्री नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौती के एक वर्ष से भी कम समय में भारत में दो “मेड इन इंडिया” वैक्सीन का आना, देश के वैज्ञानिकों के प्रयासों का परिणाम और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के देशवासियों की सलामती के संकल्प का पुख्ता प्रमाण हैं।

इस अवसर पर कोरोना की चुनौतियों के दौरान लोगों की सेहत-सलामती के संकल्प के साथ काम करने वाली सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।

श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के संकट के समय आगे बढ़ कर “संकटमोचक” की भूमिका निभाई है। श्री मोदी की दूरदर्शिता, प्रभावी नेतृत्व का ही नतीजा है कि इतनी बड़ी जनसँख्या वाला देश होने के बावजूद भारत ने कोरोना के कहर के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है। श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना काल को आपदा नहीं बनने दिया बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” बनाने के एक अवसर में तब्दील कर दिया।

श्री नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के दौरान 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया गया; 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को 3 महीने का निशुल्क गैस सिलिंडर दिया गया; 20 करोड़ महिलाओं के जन धन खाते में 1500 रूपए दिए गए; कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 17 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा जारी किये;

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 60 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गया; 20 लाख करोड़ रूपए का ”आत्मनिर्भर भारत पैकेज” लाया गया; किसान सम्मान निधि का लाभ 10 करोड़ से अधिक किसानों को दिया गया;

“आत्मनिर्भर भारत पैकेज” के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ रूपए की घोषणा की गई; डेरी से फेरी वालों तक की चिंता की गयी।

श्री नकवी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि कोरोना के खिलाफ जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों “मेड इन इंडिया”हैं। यह “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प का पुख्ता प्रमाण है।

श्री नकवी ने कहा कि भारत ने न केवल अपने लोगों की सेहत और सलामती की चिंता की है बल्कि अन्य देशों के लोगों की भी चिंता की। आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। भारत में अभी तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को देशव्यापी कोविड 19 टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगाया गया है। इस अभियान के पहले दो चरणों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाया जायेगा। साथ ही भारत वैक्सीन देकर दुनिया के दूसरे देशों की मदद भी कर रहा है।

श्री नकवी ने कहा कि भारत के लिए कोरोना काल, “सेवा, संयम और संकल्प” का सकारात्मक समय साबित हुआ जो कि पूरे विश्व की मानवता के लिए एक उदाहरण बना।

श्री नकवी ने कहा कि एनएमडीएफसी ने इससे पहले हैंडलूम क्लस्टर की महिला सदस्यों के लिए काशीपुर, उत्तराखंड में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसके अलावा, एनएमडीएफसी ने हजारों कारीगरों और 27 राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों को अपने समूहों के बीच कोविड -19 की रोकथाम के संदेश का प्रसार करने के लिए तथा पोषण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान भी आयोजित किया है।

इस अवसर पर मोस्ट रेव. अनिल जोसफ कुटो, दिल्ली के आर्चबिशप; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव श्री पी. के. दास; अतिरिक्त सचिव श्री एस. के. देव वर्मन; एनएमडीएफसी के सीएमडी श्री शाहबाज़ अली, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।


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