लोकतंत्र पर चर्चा’ के लिए अमेरिका ने चीन-तुर्की को नहीं दिया न्यौता
110 देशों को भेजा गया निमंत्रण
वाशिंगटन : अमेरिकी प्रशासन ने अपने वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट में 110 देशों को आमंत्रित किया है. इन देशों में इराक, भारत और पाकिस्तान समेत ताइवान को शामिल किया गया है, विदेश विभाग ने मंगलवार रात को इस बात की घोषणा की. यह एक ऐसा कदम जिसका उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार के साथ एकजुटता दिखाना है.
हालांकि अमेरिका के इस कदम से चीन नाराज हो सकता है. दरअसल इस मीटिंग में अमेरिका ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी यानी चीन को आमंत्रित नहीं किया है, जबकि बैठक में ताइवान शामिल होगा. अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से बीजिंग के नाराज होने का जोखिम है. वहीं चीन के अलावा तुर्की, जो अमेरिका की तरह नाटो का सदस्य है, भी प्रतिभागियों की सूची से गायब है.
विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में बुलाए गए लोगों की लिस्ट के मुताबिक कुल 110 देशों के नेताओं को इस सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया गया है, इन देशों में दक्षिण और मध्य एशियाई (SCA) क्षेत्र के 4 देश भारत (India), मालदीव (Maldives), नेपाल (Nepal) और पाकिस्तान (Pakistan) शामिल हैं.
मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में मामलों की चर्चा के मुख्य बिंदु के रूप में व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का जिक्र किया है जा सकता है. जिसमें ‘अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव’, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग’, ‘मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना’ शामिल है.
बता दें कि ये ऑनलाइन सम्मेलन 9-10 दिसंबर को होने वाला है. इसमें मिडिल इस्ट के देशों से केवल इज़राइल और इराक होंगे. वहीं अमेरिका के पारंपरिक अरब सहयोगियों – मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित नहीं किया गया है. इस बीच दिलचस्प बात ये है कि बाइडेन प्रशासन ने इस बैठक के लिए ब्राजील को आमंत्रित किया है. दरअसल हाल ही में ब्राजिल के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की आलोचना की गई थी. उनके बारे में कहा गया था कि वो सत्तावादी झुकाव रखते है. इसके अलावा बोल्सोनारों डोनाल्ड ट्रम्प के भी दृढ़ समर्थक रहे हैं.