विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अनुसंधान और परीक्षण सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रमुख विश्लेषणात्मक उपकरणों वाले केंद्र स्थापित किए हैं
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उच्च स्तर के विश्लेषणात्मक परीक्षण की आम सेवाएं प्रदान करने के लिए कई प्रमुख विश्लेषणात्मक उपकरणों वाले कई केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, इस प्रकार नकल करने से बचा जा सकेगा और विदेशी स्रोतों पर निर्भरता कम की जा सकेगी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी खड़गपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी दिल्ली और बीएचयू वाराणसी में स्थापित ऐसे तीन केंद्रों को पारदर्शी, खुली पहुंच की नीति के साथ संचालित किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ‘परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी सहायता संस्थान (साथी)’ योजना के तहत शुरू किए गए ये केंद्र देश में साझा, पेशेवर रूप से प्रबंधित, और मजबूत विज्ञान और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करेंगे, जो शिक्षा, स्टार्ट-अप्स, विनिर्माण, उद्योग और अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं के लिए आसानी से सुलभ होंगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अगले चार वर्षों के लिए हर साल पांच साथी केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। साथी हमारे संस्थानों में महंगे उपकरणों की पहुंच, रखरखाव, अतिरेक और नकल की समस्याओं का समाधान करेगा,
जबकि जरूरतमंद कम संपन्न संगठनों, जैसे, उद्योग, एमएसएमई, स्टार्टअप और राज्य विश्वविद्यालयों तक पहुंच बनाएगा। यह विविध क्षेत्रों में विकास, नवाचारों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए संस्थानों और सभी विषयों के बीच सहयोग की एक मजबूत संस्कृति को भी बढ़ावा देगा।
साथी पहल के अलावा, विश्वविद्यालयों और आईआईटी में उच्च प्रदर्शन करने वाले 100 विभागों और उनकी शोध सुविधाओं को वैश्विक बेंचमार्क तक बढ़ाने के लिए को सहायता प्रदान की जा रही है। समर्थित विभागों के शोध प्रोफाइल को विनिर्माण, अपशिष्ट प्रसंस्करण, स्वच्छ ऊर्जा और जल, स्टार्ट-अप इंडिया आदि में उत्कृष्टता की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ा जा रहा है।