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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा–देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रचार के कोई ठोस प्रमाण नहीं

केन्‍द्र सरकार ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार का अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। सरकार ने यह भी कहा है कि देश में वायरस के संक्रमण की पुष्‍टि‍ वाले मामलों की संख्‍या बढ़ रही है, लेकिन इसकी वृद्धिदर में स्थिरता आने लगी है।

आज नई दिल्‍ली में मीडिया को जानकारी देते हुए स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बढोतरी में स्थिरता का रूझान अभी शुरूआती दौर में है और सोशल डिस्‍टेंसिंग जैसे जनता के सामूहिक प्रयासों के जारी रहने से कोविड-19 की समस्‍या के समाधान की संभावना है। उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 के फैलाव की श्रृंखला को तोड़ने के लिए सोशल डिस्‍टेंसिंग यानी एक-दूसरे से मिलते-जुलते समय पर्याप्‍त दूरी बनाये रखना इस समस्‍या का एकमात्र समाधान है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि 64 हजार से अधिक लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है और सिर्फ एक-दो मामलों से यह साबित नहीं होता कि देश में कोरोना वायरस सामुदायिक स्‍तर पर फैल गया है।

श्री लव अग्रवाल ने बताया कि मंत्रिमंडल सचिव ने आज मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए अस्‍पतालों में की जा रही तैयारियों के बारे में राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। मंत्रिमंडल सचिव ने मुख्‍य सचिवों से आवश्‍यक वस्‍तुओं की पर्याप्‍त आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि 17 राज्‍यों में कोविड-19 के इलाज के लिए अलग से अस्‍पताल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है और दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान-एम्‍स की मदद से डॉक्‍टरों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की व्‍यवस्‍था भी कर दी गई है ताकि सभी रोगियों का एक समान तरीके से इलाज हो सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कोविड-19 की रोकथाम और इसके नियंत्रण के उपायों, सामुदायिक निगरानी के तरीके और सामुदायिक स्‍तर पर जन-स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।

गृह मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव पुण्‍यसलिला श्रीवास्‍तव ने कहा कि सरकार ने राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों से आवश्‍यक वस्‍तुओं की समुचित आपूर्ति, उत्‍पादन और वितरण सुनिश्चित करने को भी कहा है। उन्‍होंने कहा कि गृह मंत्रालय स्थिति पर लगातार निगाह रखे हुए है और राज्‍य तथा केन्‍द्रशासित प्रदेशों ने कोविड-19 के बारे में हेल्‍पलाइन सेवाएं भी शुरू की हैं। उन्‍होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में आवश्‍यक वस्‍तुओं की पर्याप्‍त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था की है। उन्‍होंने बताया कि राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम करें।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर के प्रधान वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने कहा है कि निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण की इजाजत दी गई है, लेकिन उनमें परीक्षण का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है, क्‍योंकि निजी प्रयोगशालाएं परीक्षण किट खरीद रही हैं।

इस बीच, देश में कोविड-19 के 649 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 47 विदेशी नागरिक हैं। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि भी की है कि 43 रोगियों को इलाज के बाद अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है। देशभर में अब तक कोविड-19 से 13 रोगियों की मौत हुई है।


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