‘हर घर नल से जल’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए राज्य को तकनीकी सहाय
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पश्चिम बंगाल को 2020-21 के लिए धन आवंटन बढ़ाकर 1610.76 करोड़ रुपये कर दिया गया। पहले से ही जारी 1146.58 करोड़ रुपये के अलावा केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला बाकी का पैसा 2760.76 करोड़ रुपये राज्य को जल्द उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। अतः 2020-21 के लिए प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत पश्चिम बंगाल के पास कुल 5770 करोड रुपये उपलब्ध हैं।
इसके अलावा जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजना के क्रियान्वयन की प्रगति से जुड़े प्रोत्साहन पैकेज के अंतर्गत भी अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। 15वें वित्त आयोग के आधार पर पश्चिम बंगाल के पंचायती राज संस्थान को कुल 4,412 करोड रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें से 50% अनिवार्य रूप से स्वच्छता एवं जलापूर्ति पर खर्च किया जाना है।
राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों जिसमें मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम (जी) पीआरआई को 15वें वित्त आयोग द्वारा प्राप्त धन, जिला खनिज विकास निधि, सीएएमपीए, सीएसआर निधि, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि इत्यादि के लिए ग्रामीण स्तर पर समन्वित योजना तैयार करने और आगामी 5 वर्षों के लिए ग्रामीण कार्य योजना (वीएपी) तैयार करने के लिए अपेक्षा की जाती है जिसका 15वें वित्त आयोग से ताल-मेल होना चाहिए, ताकि जल स्रोतों को सशक्त बनाने हेतु जल संरक्षण किया जा सके और पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
देश के लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की निरंतरता के क्रम में ही राज्य सरकारों की साझेदारी से प्रत्येक ग्रामीण घर को उपयुक्त मात्रा और अनुशंसित गुणवत्ता का जल निरंतर और दीर्घ अवधि के लिए उपलब्ध कराने की तैयारी है। सहयोगात्मक संघवाद की सच्ची भावना के अनुरूप राज्य सरकारें इस महत्वकांक्षी योजना का क्रियान्वयन कर रही हैं
ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन स्तर सुधारा जा सके और महिलाओं विशेषकर बच्चियों के कठिन परिश्रम को कम किया जा सके। जीवन में परिवर्तन लाने वाले इस मिशन का मुख्य सिद्धांत सबके लिए समानता है, जिसके अंतर्गत गांव में हर एक घर को नल से जल प्राप्त होगा। इस तरह की पिछली योजनाओं के विपरीत इस मिशन का सबसे ज्यादा जोर सेवा उपलब्ध कराने पर हैं ना कि महज़ बुनियादी ढांचा विकसित करने पर।