90 वर्षीय मार्गरेट ‘‘मैगी’’ कोविड-19 टीका लगवाने वाली दुनिया की पहली व्यक्ति बनीं
लंदन, उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की एक महिला कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर/बायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका लगवाने वाली दुनिया की पहली व्यक्ति बन गई हैं। मार्गरेट ‘‘मैगी’’ कीनान को टीका लगाए जाने के साथ ही ब्रिटेन के इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत भी हो गई। मैगी को कोवेंट्री के स्थानीय अस्पताल में जीएमटी समयानुसार सुबह छह बजकर 31 मिनट पर नर्स मे पारसंस ने कोविड-19 का टीका लगाया।
नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने इसे ‘ऐतिहासिक पल’ बताया। इस दिन को भयावह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘वी-डे’ या ‘वैक्सिन डे’ कहा जा रहा है। पहले से निर्धारित स्वास्थ्य खतरा मानकों के आधार पर एनएचएस ने जिन लोगों से संपर्क किया था उनमें मैगी भी शामिल थीं। वारविकशायर के 81 वर्षीय विलियम शेक्सपियर दूसरे व्यक्ति हैं जिन्हें टीका दिया गया।
उन्होंने कहा कि टीका लगवाकर वह ‘‘खुश’’ हैं। इन दोनों के साथ ही उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड के भारतीय मूल के 87 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 83 वर्षीय पत्नी मंगलवार को दुनिया में भारतीय मूल के पहले दंपति बने जिन्हें कोविड-19 का टीका दिया गया। न्यूकैसल के एक अस्पताल में उन्हें फाइजर, बायोएनटेक टीके की दो खुराकों में से पहली खुराक दी गयी। अगले हफ्ते 91 वर्ष की होने जा रही मैगी ने कहा, ‘‘मुझे बहुत खास महसूस हो रहा है कि मैं ऐसी पहली व्यक्ति हूं जिसका कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण किया गया।
समय से पहले मिला यह मेरे लिए जन्मदिन का सबसे अच्छा उपहार है क्योंकि इसका मतलब यह होगा कि अब अंतत: मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर नववर्ष मना सकती हूं । इस लगभग पूरे साल मुझे अकेला ही रहना पड़ा।’’ मैगी को टीके की अगली खुराक 21 दिन बाद दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सलाह होगी कि जिसे भी टीका प्राप्त हो, वह उसे स्वीकार करे। यदि मैं 90 की उम्र में इसे लगवा सकती हूं तो आप भी लगवा सकते हैं।’’
टाइन एंड वेयर के निवासी डॉ. हरि शुक्ला से नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने तय मानकों के आधार पर संपर्क किया ताकि वे टीका लगवा सकें। उनकी पत्नी रंजन फिर टीका लगवाने के लिए खुद आगे आईं क्योंकि वह भी 80 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के लोगों के प्रथम चरण में आती हैं। न्यूकैसल हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट ने कहा, ‘‘हरि शुक्ला और उनकी पत्नी रंजन न्यूकैसल अस्पताल के पहले दो रोगी हैं और दोनों दुनिया के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें कोविड-19 का टीका लगाया गया है।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि अंतत: हम इस वैश्विक महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं और मैं खुश हूं कि टीका लगवा कर, मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह मेरा कर्तव्य है और मदद के लिए जो हो सकेगा वह मैं करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के साथ लगातार सम्पर्क में रहने की वजह से , मुझे पता है कि उन सभी ने कितनी मेहनत की है और उन सभी के लिए बड़ा सम्मान है… उनका दिल बहुत बड़ा है और वैश्विक महामारी के दौरान हमें सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया, उसके लिए मैं आभारी हूं।’’
शुक्ला को एनएचएस द्वारा ब्रिटेन की टीका एवं टीकाकरण संबंधी संयुक्त समिति द्वारा निर्धारित मानदंड के आधार पर चुना गया था। घातक वायरस से मौत का सबसे अधिक खतरा जिन लोगों को है, उसके आधार पर ही टीकाकरण किया जाएगा। सबसे पहले यह टीका 80 या उससे अधिक वर्ष के लोगों, स्वास्थ्य कर्मी सहित एनएचएस के कर्मियों को सबसे पहले लगेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस पल को ‘‘एक बड़ी प्रगति’’ बताया और ब्रिटेन में मंगलवार को ‘‘वी-डे’ या ‘‘वैक्सीन डे’’ होने की बात कही। प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, ‘‘आज, ब्रिटेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि हम देशभर में टीका भेजने वाले हैं।
मुझे टीका विकसित करने वाले वैज्ञानिकों, ‘ट्रायल’ में हिस्सा लेने वाले लोगों और इसको लाने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले एनएचएस पर बहुत गर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने साथ ही इस बात के प्रति आगाह किया कि व्यापक स्तर पर टीकाकरण में अभी समय लगेगा और लोगों से तब तक सतर्क रहने और आने वाले ठंड के महीनों में भी लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की ।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हेनकॉक ने कहा, ‘‘आज के दिन ‘वी-डे’ को हम इस भयावह रोग से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पल के रूप में देखेंगे। मुझे गर्व है कि पूरे यूनाइटेड किंगडम में हमारी स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा हमारा अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।’’
फाइजर, बायोएनटेक को पिछले हफ्ते ब्रिटेन के ‘दवा एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) से टीका लगाने की अनुमति मिली जिसके बाद एनएचएस ने कहा कि इसके कार्यकर्ता टीका लगाने के लिए चौबीसों घंटे बड़े स्तर पर साजो-सामान का प्रबंध करने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। फाइजर के टीके को शून्य से नीचे 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भंडारित करने की जरूरत है और इस्तेमाल करने से पहले इसे उस शीत श्रृंखला में महज चार बार इधर-उधर किया जा सकता है।