Western Times News

Gujarati News

“मेरा उद्देश्य हमेशा से उन लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना रहा है, जिनके पास धन नहीं है”: डॉ. हर्षवर्धन

“सार्वजनिक के साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के बिना ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’प्रदान करने का अंतिम लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है”

डॉ. हर्षवर्धन ने आज ‘कोविड काल के बाद भारतीय स्वास्थ्यव्यवस्था में विस्तार’ पर केंद्रित नैटहेल्थ के 7वें वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया।

सभी के लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए यह सर्वोच्च प्राथमिकता है।अपने लक्ष्य के प्रतिदृष्टिकोण को संस्थागत बनाने के लिए हमने 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति जारी की।

इसनीति से संबंधित ढांचे के पीछे का दृष्टिकोण सभी के लिए स्वास्थ्य और सेहत के उच्चतम स्तर को प्राप्त करना है।इसके अलावास्वास्थ्य के निवारक और प्रचार संबंधी पहलुओं पर जोर देकर वित्तीय कठिनाई का सामना किए बिनासभी आयु समूहों में किसी भी व्यक्ति को अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना भी है।

अब तक आयुष्मान भारत, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य एवं सेहत को बढ़ावा देने के लिए नि:शुल्क सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।”

उन्होंने आगे कहा, “स्वास्थ्य को बजट 2021-22 में विकास को आगे बढ़ाने के लिए छह में से एक स्तंभ के रूप में चिह्नित किया गया है। 2021-22 में 2,23,846 करोड़ रुपये के भारी आवंटन के साथ स्वास्थ्य एवं सेहत के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाया गया है, इसके आवंटन मेंपिछले वर्ष की तुलना में 137 फीसदी की भारी बढ़ोतरी है।

स्वास्थ्य नीति के तहत अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हम 2025 तक स्वास्थ्य पर खर्च कोजीडीपी के 2.5 फीसदी तक बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।हम राज्य सरकारों को राज्य के जीडीपी के 8 फीसदी से अधिक राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र व्यय को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।”

वहीं उन्होंने इस बात को विस्तार से बताया कि कैसे प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना,वर्तमान और भविष्य की महामारियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का मुख्य उद्देश्य मजबूत आईटी सक्षम निगरानी प्रणालियों के निर्माण एवं बीमारियों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य की महामारियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना है।

उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के कई अन्य घटक हैं, जो आपातकालीन उपचार जैसे; उन्नत इलाज के लिएगंभीर देखभाल खंड, प्रशिक्षण एवं सलाह, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को मजबूत करने और रोग नियंत्रण के लिए नए क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना आदि की जरूरतों को पूरा करते हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “सुशासन, पारदर्शिता एवं परिवर्तन के लिए सुधार इस सरकार की पहचान रही है।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम ने चिकित्सा शिक्षा में लंबे समय से जरूरी सुधारों को लागू करने का रास्ता दिखाया है।इसी तरह, नेशनल कमीशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशंस विधेयक भी पारित हो चुका है, जो शिक्षा के मानकीकरण को सक्षम बनाएगा।

मंत्रिमंडल ने एम्स के विस्तार को भी मंजूरी दी है। अब इनकी कुल संख्या 22 हो गई है और इनमें आधे से अधिक पहले से कार्यरत हैं। जिला अस्पतालों का उन्नयन मेडिकल कॉलेजों के रूप में किया जा रहा है। वहीं मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत वर्गीकृत किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में निजी क्षेत्र की भूमिका को मजबूत करने के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “अगर भारत को पूरे विश्व में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के उच्चतम मानकों को प्राप्त करना है, तो यह निजी क्षेत्र के समर्थन के बिना नहीं हो सकता है।

निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रावधान को और अधिक व्यापक बनाया जा सकता है।”डॉ. हर्षवर्धन ने आगे कहा, “वर्तमान में विभिन्न शहरों और कस्बों में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को चलाने के अलावा,निजी उद्यम सरकार के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

इनमेंप्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स औरजैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली जैसे कार्यक्रम हैं।राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों के साथ निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र की वृद्धि को एक साथ लाना है। यह स्वास्थ्य देखभाल तंत्र को अधिक प्रभावी, कुशल, तर्कसंगत, सुरक्षित, सस्ती और नैतिक बनाने में निजी क्षेत्र के योगदान को सक्षम बनाएगा।”


Read News In Hindi

Read News in English

Copyright © All rights reserved. | Developed by Aneri Developers.