कितने दिन में तैयार हो जाता है ऑक्सीजन प्लांट और कितनी आती है लागत? जानिए
नई दिल्ली. दिल्ली ही नहीं देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की भारी किल्लत है. इसकी पूर्ति करने के लिए अब ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों और नर्सिंग होम में ऑक्सीजन प्लांट या फिर ऑक्सीजन जनरेटर लगाने की है. इन ऑक्सीजन प्लांट या जनरेटर को स्थापित करने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगता है. और लागत भी एक जिंदगी को बचाने के मुताबिक बहुत ही कम आती है.
कोरोना की थर्ड वेव की चेतावनी के बाद अब इस दिशा में बहुत तेजी से काम करने की जरूरत है. एक प्लांट को लगाने में करीब 10 से 15 दिन का वक्त लगता है और लागत भी प्लांट में लगाए जाने वाले सिलेंडर के मुताबिक होती है. अस्पताल या नर्सिंग होम में 10 से लेकर 30 सिलेंडर के ऑक्सीजन प्लांट की बात करें तो 15 से लेकर 40 लाख रुपए की कीमत एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर आएगी.
कोरियन कंपनी 5 घंटे में लगा देती है ऑक्सीजन प्लांट
जानकारी के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 10 से 15 दिन का वक्त लगता है. फ्रांस की बात करें तो वहां की कंपनी भारत में 10 से 15 दिन में प्लांट लगाने का काम पूरा कर देती है. वहीं, कोरियन कंपनी की बात करें तो वह 10, 20 और 30 सिलेंडर आदि के प्लांट को करीब 4 से 5 घंटे में लगाने का काम पूरा कर देती है. बताया जाता है कि कोरियर कंपनी के कंप्रेसर को बाहर से लाकर यहां स्थापित करने में 4 से 5 घंटे का ही वक्त लगता है.
फ्रांस की कंपनी मुहैया कराती है कंप्रेसर तो 15 दिन में लग जाएगा प्लांट
इसके अलावा फ्रांस, जर्मनी , इटली और दूसरे देशों की कंपनियां भी हैं जो ऑक्सीजन प्लांट के लिए कंप्रेसर मुहैया कराती हैं. यह फ्रीज टाइप के कंप्रेशर होते हैं. इन सभी को 10 से 15 दिन में लगाने का काम पूरा किया जा सकता है
कोरियन कंपनी के पीएसए ऑक्सीजन जनरेटर (Pressue Swing Adsorption Oxygen Generator) के कंप्रेसर बाहर से आते हैं जिनको लगाने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है. लागत की बात की जाए तो 10 सिलेंडर के ऑक्सीजन प्लांट की कीमत करीब 15 लाख, 20 सिलेंडर के प्लांट की कीमत 30 लाख और 30 सिलेंडर के प्लांट की कीमत 40 लाख के करीब आती है.
चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल गोयल बताते हैं कि वर्तमान हालातों को देखते हुए अब ज्यादा से ज्यादा पीएसए ऑक्सीजन जनरेटर लगाने की जरूरत है. अगर हम इस तरफ ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय में स्थिति और ज्यादा भयावह हो सकती है.
उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस के थर्ड वेव की चेतावनी दी जा चुकी है तो ऐसे में ऑक्सीजन जनरेटर की व्यवस्था अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को करने की बेहद जरूरत महसूस की जा रही है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि DRDO को इस दिशा में बहुत तेजी से काम करने की जरूरत है वरना इस तरह से आगे भी भगदड़ मचती रहेगी. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत इस पर काम करना चाहिए तभी लोकल को वोकल बनाया जा सकेगा.
दिल्ली में करीब 1,000 रजिस्टर्ड नर्सिंग होम और अस्पताल
दिल्ली की बात करें तो यहां करीब 1,000 रजिस्टर्ड नर्सिंग होम और अस्पताल हैं. इनमें से अधिकांश में आज कोविड मरीजों का इलाज भी चल रहा है. लेकिन ऑक्सीजन किल्लत की वजह से अधिकांश नर्सिंग होम बंद है. इससे अब जरूरत महसूस की जा रही है कि सभी नर्सिंग होम और अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट या ऑक्सीजन जनरेटर स्थापित किए जाएंं.
वर्तमान समय में दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों जिनमें शांति मुकुंद, मैक्स अस्पताल, अपोलो, सर गंगाराम और दूसरे अन्य अस्पताल प्रमुख रूप से शामिल हैंं, जहां पर लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई होता है. वहीं कुछ अस्पताल नर्सिंग होम ऐसे हैं जहां पर ऑक्सीजन रिफिलिंग की जाती है, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है.
अगले 3 माह में देश भर में 500 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना
बात करें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की तो उसकी ओर से अगले 3 माह में देश भर में 500 जगह पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की योजना है. यह सभी प्लांट पीएम केयर्स फंड से लगाए जाएंगे.