क्रेडिट, डेबिटकार्ड से इंटरनेशनल लेन-देन की सेवाएं आज से बंद
नई दिल्ली : अगर आप ICICI बैंक या SBI या फिर किसी और बैंक के कस्टमर हैं तो आपके पास एक मैसेज जरूर आया होगा, जिसमें ये कहा गया है कि 30 सितंबर से आपके कार्ड से इंटरनेशनल लेन-देन की सेवाएं बंद की जा रही हैं. तो आप घबराएं नहीं. ये आपकी सुरक्षा के लिए ही किया गया है. दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) ने डेबिट और क्रेटिड कार्ड को लेकर बढ़ रहे फ्रॉड्स को रोकने के लिए सभी बैंकों को आदेश दिया था कि वो बेवजह ही ग्राहकों के कार्ड में इंटरनेशनल सुविधाएं न दें, जबतक कि ग्राहक खुद इसकी मांग न करे.
इसके अलावा भी कई और बदलाव आज यानि 30 सितंबर से आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड को लेकर हुए हैं, जिससे आपका अपने कार्ड पर बेहतर नियंत्रण होगा और धोखाधड़ी का खतरा भी घटेगा.
आज से कार्ड को लेकर क्या बदलाव?
शुरुआत में आप अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ PoS (Point of Sale) से पेमेंट करने या ATM से पैसा निकालने में ही कर सकेंगे. ये बदलाव सभी मौजूदा कार्ड्स, नए कार्ड्स या हाल फिलहाल में रीन्यू कार्ड्स पर लागू होगा.
नए जारी हुए कार्ड्स का इस्तेमाल PoS या ATMs में ही किया जा सकेगा. इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन, कॉन्टैक्टलेस या फिर इंटरनेशनल लेन-देन के लिए कार्ड्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ये सेवाएं मैनुअली शुरू करनी होंगी. इन सेवाओं को आप मोबाइल ऐप या नेटबैंकिंग के जरिए शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा ATM या बैंक ब्रांच में जाकर भी ये सेवाएं शुरू कराई जा सकती हैं.
पुराने या मौजूदा डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के लिए जिसमें कभी ऑनलाइन, कॉन्टैक्टलेस और इंटरनेशनल सेवाओं का इस्तेमाल नहीं किया गया, उनमें ये सर्विसेज बंद कर दी जाएंगी. लेकिन रीन्यू हुआ कार्ड या नए जारी हुए कार्ड्स में ये सेवाएं देनी हैं या नहीं, बैंक अपने विवेक के आधार पर फैसला लेगा.
On-Off का सिस्टम – कार्ड फ्रॉड से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी मर्जी के हिसाब से सेवाओं को कभी भी बंद और चालू कर सकते हैं. जैसे अगर आप PoS या ATM से लेन-देन नहीं चाहते, सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट ही करना चाहते हैं तो आप इसे कभी भी डिसेबर (Disable) और इनेबल (Enable) कर सकते हैं. इसके अलावा आपके कार्ड से निकाली जाने वाली राशि को भी सीमित कर सकते हैं, जैसे अगर आप चाहते हैं कि आपके कार्ड से एक दिन में 5000 रुपये से ज्यादा का न तो पेमेंट हो सके और न ही ATM से निकासी हो सके, तो आप इसको फिक्स कर सकते हैं. इसे आप जब चाहें घटा या बढ़ा भी सकते हैं, यानि आपके कार्ड पर पूरी तरह से आपका नियंत्रण होगा. मगर ये लिमिट बैंक की ओर से दी गई सीमा के अंदर ही होनी चाहिए.