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ESIC के लाभार्थी इमरजेंसी में निजी हॉस्पिटल में उपचार करवा सकेंगे

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जिनके आसपास 10 किमी के दायरे में ESIC पैनल का अस्पताल ना हो उन्हें मिलेगा लाभ

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लाभार्थी इमरजेंसी में नजदीक की किसी भी निजी हॉस्पिटल में उपचार करवा सकेंगे। होस्पिटल एएसआई के साथ संलग्न हो या संलग्न नहीं हो। ऐसी किसी भी हॉस्पिटल में इमरजेंसी के दौरान कर्मचारी उपचार ले सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार कई कर्मचारियों को हार्टअटैक या अन्य दुर्घटना के समय में दाखिल करने की नौबत आ जाती है। ऐसे मामलों में उन्हें रेफरल नहीं करना पड़ेगा और तुरंत ही उपचार शुरू हो सकेगा।

सामान्य स्थिति में पहले ESIC में जाकर रेफरल लेने होता था। इसके बिना डिस्पेंसरी में गए हॉस्पिटल में अब तक उपचार नहीं मिलता था। लेकिन अब से लोगों को निजी हॉस्पिटल में भी उपचार मिल सकेगा। ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन कमेटी के जनरल सेक्रेटरी एसपी तिवारी ने बताया कि हार्ट-अटैक सहित कई मामलों में मरीज को हॉस्पिटल में दाखिल होना पड़ता है।इस दौरान में ईएसआईसी लेजाकर रेफरल लेने तक इंतजार करना पड़ता था। जिसके कारण लोगों को परेशानी होती थी।

इसे ध्यान में लेते हुए बोर्ड की बैठक में रेफरल की अनिवार्यता रद्द कर दी गई है। मरीज अब से निजी हॉस्पिटल में उपचार करवा सकेंगे। हालांकि निजी हॉस्पिटल में उपचार लेने के लिए लाभार्थियों को कई बातों का ख्याल रखना पड़ेगा कि संलग्न हॉस्पिटल में कर्मचारियों को कैशलेस उपचार मिलेगा दूसरी ओर बिन संलग्न हॉस्पिटल में उपचार कराने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ सर्विस के अनुसार रीइंबर्समेंट मिलेगाष बिन संलग्न हॉस्पिटल में उपचार तभी करा सकेंगे जब कर्मचारी के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में कोई ईएसआईसी संलग्न हॉस्पिटल नहीं होगा।

अब से इएसआइसी खुद ही हॉस्पिटलों का संचालन करेगा यह बताते हुए तिवारी ने कहा कि अब तक हॉस्पिटलों की जिम्मेदारी राज्यों पर दे दी गई थी जो कि ले ली गई है। स्वास्थ्य सेवा की क्वालिटी बनी रहे इसलिए आपसे खुद ही हॉस्पिटलों का संचालन करेगी।


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