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AIIMS राजकोट में MBBS छात्रों के पहले बैच के शैक्षणिक सत्र 2020-21 का डिजिटल उद्घाटन

‘चिकित्सा एक नया और तनावपूर्ण पेशा है। युवा और तेज दिमाग जिन्होंने डॉक्टर के पेशे को चुना है, वे प्रशंसा के योग्य हैं’

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुजरात स्थित एम्स राजकोट में एमबीबीएस छात्रों के पहले बैच के शैक्षणिक सत्र 2020-21 का डिजिटल उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी और उप-मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन भाई पटेल उपस्थित थे।

एम्स, राजकोट को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के फेज-6 के तहत विकसित किया गया है। यह 750 बिस्तरों वाला मल्टी स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी युक्त विभागों वाला एक अस्पताल होगा। इस निर्माण परियोजना की लागत लगभग 1195 करोड़ रूपये है। इसमें से अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के लिए 185 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है।

एम्स राजकोट में एमबीबीएस के पहले बैच के छात्रों को बधाई देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘गुजरात का एम्स, राजकोट उन कई नए एम्स में से एक है, जिसकी कल्पना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में की है। देश के विभिन्न हिस्सों में नए एम्स की स्थापना का अल्पकालीन उद्देश्य सस्ती तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल में अतंरालों को कम करना है। वहीं दीर्घकालीन दृष्टिकोण के तहत भारत के आम जनता में बेहतर स्वास्थ्य की बेहतर स्थिति पैदा करना है।’   

स्वास्थ्य सेवाओं में क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करने के लिए सरकार की प्राथमिकता को दोहराने के साथ चिकित्सा शिक्षा में सुविधाओं के विस्तार पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘सुपर स्पेशियलिटी हेल्थ केयर के क्षेत्रीय प्रसार और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न राज्यों में नए एम्स स्थापित करना भारत सरकार की पहल है। वहीं योजना अवधि के दौरान डॉक्टरों और अस्पताल के बिस्तरों की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम करने के लिए 20 वर्ष पहले स्थापित मेडिकल कॉलेजों का समकालिक उन्नयन एक दृढ़ कदम है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘एम्स राजकोट में 125 एमबीबीएस सीटें होंगी। इनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों की सीटें भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें नियत समय में नर्सिंग के 60 छात्र भी होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय 2021 तक प्रत्येक 1000 मरीजों पर 1 डॉक्टर के विश्व डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। हमारी सरकार ने डॉक्टरों की आवश्यकता और आपूर्ति के बीच के अंतर को समाप्त करने के लिए तत्काल उद्देश्य के रूप में एमबीबीएस सीटों की समग्र उपलब्धता को 80,000 तक बढ़ाने का ईमानदार प्रयास किया है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘शैक्षणिक सत्र 2013-14 से छह नए एम्स में एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या 600 हो गई है, इससे अतिरिक्त 300 एमबीबीएस उम्मीदवारों को एक अवसर मिला है। इसके अलावा साल 2020 में एम्स, राजकोट जैसे नए एम्स में शैक्षणिक सत्र शुरू होने से देशभर के सरकारी संस्थानों में एमबीबीएस सीटों की उपलब्धता बढ़कर 42,495 हो गई है।’

वहीं श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, ‘यह खुशी की बात है कि एम्स गुजरात अपने एमबीबीएस छात्रों का पहला शैक्षणिक बैच शुरू कर रहा है। यह राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर होगा। कोविड समय के दौरान इस महामारी को नियंत्रित करने में हमारे स्वास्थ्यकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।’

अंत में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘वर्तमान कोविड महामारी के दौरान देश के संघर्ष में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी आगे रहे हैं। युवा और तेज दिमाग जिन्होंने डॉक्टर के पेशे को चुना है, वे प्रशंसा के योग्य हैं। मैं आप सभी को आशीर्वाद देता हूं और आगे एक सफलपूर्ण करियर की कामना करता हूं।

इस समारोह में सांसद श्री मोहनभाई कुंदरिया, सांसद श्रीमति पूनमबेन मदाम, सांसद डॉ. अमी याज्ञनिक, स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, एम्स के अध्यक्ष डॉ. पी.के. दवे, एम्स- राजकोट के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।


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