Air India को उड़ाना, टाटा के लिए सबसे बडी चुनौती
टाटा संस ने 2.4 billion डॉलर यानी 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाकर कर्ज में डूबी सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया (Air India) को खरीद लिया है. टाटा ने एयर इंडिया को उड़ाने की योजना भी तैयार कर ली है लेकिन टाटा के लिए फिर से ये उड़ान उतनी आसान नहीं होगी.
एक तरफ टाटा को एयर इंडिया के कीमती flying rights और landing slots मिलेंगे, जो उसे विदेशी मार्केट शेयर हासिल करने में काफी मददगार होंगे. वहीं दूसरी तरफ एयर इंडिया के साथ ढ़ेर सारी समस्याएं और चुनौतियां भी मुफ्त में मिलेंगी.
विमानन इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि एयर इंडिया की फिर से सफल हवाई यात्रा एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होगी. एयरलाइन्स को बेहतर के लिए एक अरब डॉलर यानी 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करना होगा. साथ ही, इसके खराब हो चुके बेड़े,
खराब सेवा और एक करिश्माई नेता की कमी सहित असंख्य समस्याओं को ठीक करने की चुनौती होगी.एक रिपोर्ट के मुताबिक दीपम के सचिव तुहिनकांता पांडे ने कहा कि उन्हें एयरलाइन को स्थिर करने के लिए सैकड़ों काम करने होंगे. बहुत सारा पैसा लगाना होगा. अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी और लीगल फर्म एजेडबी पार्टनर्स को नियुक्त किया गया है. संचालन के एकीकरण पर कोई निर्णय तुरंत नहीं होने वाला है.