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अनुष्का सेन और तनाज़ ईरानी ने शेयर किया ‘अपना टाइम भी आएगा’ के लिए अलग-अलग बोलियां सीखने का अनुभव

इस फेस्टिव सीजन में ज़ी टीवी अपने दर्शकों के लिए कार्यक्रमों की बहार लेकर आया है और इसी कड़ी में इस चैनल पर हाल ही में शुरू हुआ है एक ताजगी भरा फिक्शन शो ‘अपना टाइम भी आएगा’, जो जयपुर के एक अमीर राजावत परिवार के हेड स्टाफ की उत्साही बेटी (रानी) के सफर की कहानी है।

इसमें रानी अपनी गरीबी से बंधे रहने से इंकार कर देती है और अपनी औकात की जंजीरें तोड़कर खुद अपनी किस्मत लिखने का फैसला करती है। यह फैमिली ड्रामा समाज की जड़ों में गहरे तक समाई ऊंच-नीच की भावना को दरकिनार करता है और ‘औकात’ के अलिखित नियमों पर सवाल उठाता है। ये नियम ऐसे हैं, जो निचले स्तर के लोगों से अपनी तकदीर से लड़कर अपनी औकात से ऊपर उठने का मौका लगभग छीन लेते हैं।

जहां अनुष्का सेन (रानी) और तनाज़ ईरानी (महारानी राजेश्वरी सिंह रावत) अपने किरदारों के शानदार चित्रण से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं, वहीं बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि ‘अपना टाइम भी आएगा’ के लिए ये दोनों लीडिंग औरतें कितनी मेहनत कर रही हैं। इस शो की शूटिंग शुरू होने से पहले उन्होंने हिंदी भाषा की वो अलग-अलग बोलियां सीखने में दिन-रात एक कर दिया, जो वे इस शो में बोलते नजर आ रहे हैं। जहां तनाज़ ईरानी को अपने राजसी किरदार को विश्वसनीय बनाने के लिए शुद्ध हिंदी सीखनी पड़ी, वहीं अनुष्का ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश की स्थानी हिंदी बोलियां सीखने पर ध्यान दिया।

अपने किरदारों की तैयारी के लिए इन एक्टर्स ने अपने-अपने तरीके अपनाए, लेकिन यह उन दोनों के लिए ही आसान नहीं था। ‘अपना टाइम भी आएगा’ में रानी का रोल निभा रहीं अनुष्का सेन बताती हैं, “मैं एक बंगाली हूं, इसलिए हिंदी और इसकी स्थानीय बोलियों में मैं उतनी माहिर नहीं हूं।

लेकिन रानी के रोल में विश्वसनीयता लाने में मेरे पिता ने मेरी बहुत मदद की, क्योंकि इस शो में रानी उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से गांव से है। मेरे पिता बिहार से हैं और इसलिए स्थानीय हिंदी और भोजपुरी बोलियों पर उनकी अच्छी पकड़ है। उन्होंने मुझे इस रोल की तैयारी करने और मेरे लहजे में विश्वसनीयता लाने में मेरी मदद की।

जब उन्हें पता चला कि मुझे ‘अपना टाइम भी आएगा’ में लीड रोल मिला है, तो वो बेहद खुश हुए और वो हर संभव तरीके से मेरी मदद करना चाहते थे। उनकी मदद से इस रोल की तैयारी करते हुए हमें अपनी जड़ों से गहरा नाता महसूस हुआ। मैं उम्मीद करती हूं कि हमारे दर्शक भी इस किरदार को उतना ही प्यार देंगे, जितना कि उन्होंने मुझे दिया है।”

अपना अनुभव बताते हुए तनाज़ ईरानी ने कहा, “जब मुझे महारानी राजेश्वरी का रोल मिला, तो मैं बहुत नर्वस थी, क्योंकि मैंने इस तरह का किरदार इससे पहले नहीं किया था। मैं इसे लेकर काफी चिंतित थी, लेकिन साथ ही उत्साहित भी थी। मुझे अच्छी तरह पता था कि महारानी के रोल में फिट होने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी।

मैंने एडवांस में ही ‘अपना टाइम भी आएगा’ की स्क्रिप्ट मांग ली थी, ताकि मैं इस रोल की तैयारी अच्छी तरह से कर सकूं और अपने किरदार की मांग के हिसाब से उस तरह की शुद्ध हिंदी से वाकिफ हो जाऊं। आज भी मैं दिन में कई बार स्क्रिप्ट पढ़ती हूं, ताकि मैं अपने लहज़े और उच्चारण में वो राजशाही भाव पैदा कर सकूं। मैं दिन-रात अपनी लाइंस दोहराती हूं और इसमें परफेक्शन लाने के लिए इसे जोर-जोर से पढ़ती हूं।”

जहां रानी और महारानी राजेश्वरी ने यकीनन अपने लहज़े में महारत हासिल कर ली है, वहीं अब ‘अपना टाइम भी आएगा’ में आने वाले रोमांचक मोड़ भी दर्शकों में उत्सुकता जगाएंगे। हमने हाल ही में देखा कि रानी अपने इम्तेहान में अच्छे नंबरों से पास हो गई है और उसे लगा था कि राजेश्वरी उसे एक अच्छी नौकरी देंगी।

लेकिन राजेश्वरी ने तो रानी के लिए कुछ और ही योजना बना रखी थी। उन्होंने उसे रामाधीर की जगह प्रमुख नौकरानी बनाने का प्रस्ताव दिया। इससे रानी को बहुत निराशा होती है, लेकिन वो महारानी राजेश्वरी को मनाने की कोशिश करती है कि वे उसे कोई और नौकरी दें। अब आगे क्या होगा? जानने के लिए देखिए ‘अपना टाइम भी आएगा’, हर सोमवार से शनिवार शाम 7 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर!


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