पाकिस्तान के खिलाफ यूरोप ने उठाया ये कदम
Blasphemy को लेकर उल्टा पड़ा इमरान का दांव
इस्लामाबाद : पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) एक नई मुश्किल में घिर गए हैं. कट्टरपंथियों के आगे झुकते हुए उन्होंने फ्रांस (France) सहित यूरोपीय देशों के प्रति जो रुख अपनाया था अब उसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा है. इमरान ने इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) की मांग पर संसद में फ्रांसीसी दूत के निष्कासन पर प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था. साथ ही उन्होंने यूरोपीय देशों में ईंशनिंदा (Blasphemy) कानून बनाने की वकालत की थी. Blasphemy law abuse: EU parliament adopts resolution calling for review of Pakistan’s GSP+ status
इमरान खान (Imran Khan) ने मुस्लिम देशों से ईंशनिंदा के मामलों को पश्चिमी देशों के सामने उठाने की बात कही थी. उन्होंने यूरोपीय देशों (European Countries) में ईंशनिंदा कानून बनाने की मांग भी की थी, लेकिन अब यूरोपीय संसद ने इसके जवाब में एक प्रस्ताव स्वीकार किया है, जिसमें पाकिस्तान (Pakistan) के साथ व्यापारिक रिश्तों की समीक्षा करने और पाकिस्तान का सामान्य वरीयता वाला दर्जा (GSP) खत्म करने की मांग की गई है.
ईशनिंदा कानून से जुड़ा है प्रस्ताव
यूरोपीय संसद का यह प्रस्ताव पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों से संबंधित है. इस प्रस्ताव में शफकत इमैनुएल और शगुफ्ता कौसर के मामले का जिक्र किया है. पाकिस्तान के इस क्रिश्चियन दंपति को 2014 में पाकिस्तान की एक अदालत ने ईशनिंदा का दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी. दंपति को जुलाई 2013 में गिरफ्तार किया था. यूरोपीय संसद ने पाकिस्तान सरकार ने इस ईसाई दंपति को रिहा करने की अपील की है.
यूरोपीय संसद ने पाकिस्तानी अधिकारियों से देश के विवादास्पद ईशनिंदा कानूनों को निरस्त करने, कौसर और इमैनुएल को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने और उन्हें तुरंत बिना किसी शर्त के रिहा करने का आग्रह किया है. संसद ने 662/3 वोट के साथ इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जबकि 26 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यूरोपीय आयोग और यूरोपीयन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस (EEAS) ने हालिया की घटनाओं को देखते हुए पाकिस्तान की वरीयता वाले दर्जे की तुरंत समीक्षा करने की मांग की है.