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CBI जांच के लिए राज्य की सहमति जरूरी: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छानबीन के अधिकार क्षेत्र के संबंध में अक्सर सवाल उठते रहे हैं. अक्सर यह सवाल सामने आता है कि क्या जांच के लिए सीबीआई को संबंधित राज्यों से अनुमति लेने की जरूरत होगी? अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. अब सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.

एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ये प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में, जिसमें शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सीबीआई के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता है. ये प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप है.

अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी किया था और कहा था कि राज्य में जांच करने के लिए सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ली जाती है. हालांकि जांच की अनुमति महाराष्ट्र सरकार के वापस लेने से फिलहाल चल रही छानबीन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर भविष्य में सीबीआई महाराष्ट्र में किसी नए मामले में जांच पड़ताल करना चाहती है, तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत होगी, जब तक कि अदालत की तरफ से जांच के आदेश नहीं दिए गए हों.

क्या कहता है नियम – असल में, सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम,1946 के जरिये शासित होती है. इसमें कहा गया है कि सीबीआई को जांच से पहले संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.

बहरहाल, केंद्र-राज्य के बीच शक्तियों के बंटवारे में पुलिस राज्य का विषय है. लिहाजा जांच का पहला अधिकार भी राज्य पुलिस का होता है. लेकिन केंद्रीय एजेंसी होने के लिहाज से यदि मामले की जांच सीबीआई को करनी है तो उसे राज्य सरकार से रजामंदी लेनी जरूरी है. सहमति भी दो तरह की होती है. पहली, केस विशेष और दूसरी सामान्य. वैसे सीबीआई का अधिकार क्षेत्र केंद्र सरकार के विभागों और कर्मचारियों पर है, लेकिन राज्य सरकार से जुड़े किसी मामले की छानबीन और पड़ताल करने के लिए उसे राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती है.


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