इस्पात उद्योग के नेतृत्वकर्ताओं से भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने की अपील
इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान कहा- संपत्ति निर्माण के लिए उद्योग में सभी को समान अवसर उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है
इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस्पात उद्योग के नेतृत्वकर्ताओं से पारदर्शी नीतियों के साथ काम करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल को मजबूत करने के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की अपील की। उन्होंने आगे कहा कि कई नीतिगत सुधारों के साथ सरकार का उद्देश्य संपत्ति सृजन के लिए उद्योगों को समान अवसर उपलब्ध कराना है। व्यापार करने में सरलता सुनिश्चित करने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और नीतिगत स्पष्टता को बनाया जा रहा है Dharmendra Pradhan appeals to Steel Industry Leaders to work towards making India Atmanirbhar,
आज ‘आत्मनिर्भर : फोकस: डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज इन स्टील, केमिकल एंड पेट्रो-केमिकल सेक्टर’ पर इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसी) द्वारा इस्पात मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा, “न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन सुनिश्चित किया जाना समाज के लिए संपत्ति निर्माण करने में हमारे उद्योगों को सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
हमें आवश्यक ढांचा प्रदान करके व्यवसायों को सुविधाजनक बनाना चाहिए।” उन्होंने स्टील उद्योग के नेतृत्वकर्ताओं से घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने कहा कि संकल्प और सहकारिता के साथ हमारे सामूहिक प्रयास एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का मार्ग तैयार करेंगे।
श्री प्रधान ने कहा कि देश महामारी की वजह से आई मंदी से उबर आया है और कई आर्थिक संकेतक पहले से ही भारतीय अर्थव्यवस्था के दोबारा पटरी पर लौटने का संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में अच्छी वृद्धि देखी जा रही है, निर्यात 2019 में शून्य से 6.6 प्रतिशत नीचे था जो पिछले महीने 5.3 प्रतिशत बढ़ा है।
उन्होंने उल्लेख किया कि रेलवे की माल ढुलाई में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में भी वृद्धि हुई है और विभिन्न परियोजनाओं में निवेश बढ़ने की वजह से एक सकारात्मक प्रगति प्रक्षेप बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में उद्योग और व्यवसायों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिशन पूर्वोदय, जो पूर्वी भारत के नेतृत्व के साथ भारत के संतुलित विकास की अपील करता है, के बारे में बात करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि पूर्वोदय मिशन को साकार करने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में ओडिशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ओडिशा की खनिज संसाधनों में प्राकृतिक बढ़त और बड़े बंदरगाह औद्योगिक विकास के लिए अद्वितीय अवसर देते हैं।
उन्होंने कहा कि इस्पात एवं पेट्रोकेमिकल क्षेत्र दोनों ही और उनके सहायक उद्योग अवसरों का लाभ उठाने और अपना विस्तार करने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि बंदरगाह आधारित अर्थव्यवस्था ओडिशा के लिए आमूल-चूल (गेम-चेंजर) परिवर्तन लाने वाली साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ओडिशा में अंतर्देशीय जलमार्ग पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है, पारादीप बंदरगाह भारत के संख्यात्मक बंदरगाह के रूप में उभरा है। धामरा और गोपालपुर बंदरगाह भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि उद्योग के नेतृत्वकर्ताओं को इस्पात निर्माण को बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट खनिज संसाधनों, कुशल कार्यबल और ओडिशा सरकार की अच्छी नीतियों का लाभ उठाना चाहिए। ओडिशा के गृह, उद्योग, ऊर्जा और एमएसएमई मंत्री, उद्योग के नेतृत्वकर्ता, आईओसीएल के अध्यक्ष, ओडिशा सरकार और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में शामिल हुए।