गडकरी ने ज़ोज़िला सुरंग में पहले विस्फोटन की शुरुआत की
केन्द्रीय सड़क परिवहन, जमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आज जम्मू एवं कश्मीर में जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए औपचारिक विस्फोटन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह सुरंग एनएच-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह (लद्दाख पठार) के बीच सभी मौसम में आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी और जम्मू एवं कश्मीर (अब जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख केकेंद्र शासित प्रदेशों) में एक सर्वांगीण आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण लाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज जम्मू-कश्मीर में जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए औपचारिक रूप से पहली बार विस्फोटन शुरू करने के लिए बटन दबाया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, इस परियोजना में लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर ज़ोजिला दर्रा, जोकि वर्तमान में साल के 6 महीने ही आवागमन के लायक होता है,के भीतर एनएच -1 पर श्रीनगर और लेह को द्रास तथा कारगिल के रास्ते जोड़ने के लिए 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण का काम शामिल है। वाहनों के परिचालन की दृष्टि से यह दुनिया के सबसे खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू-रणनीतिक दृष्टिकोण सेभीबेहद संवेदनशील है।
यह एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना इस इलाके के सामाजिक – आर्थिक परिदृश्य को भी बेहतर बनायेगी। श्री गडकरी ने सूचित किया कि नये सिरे से इस सुरंग का डिजाइन बनने से लगभग 4000 करोड़ रूपए की बचत हुई। केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ईमानदार प्रयासों के जरिए हम अपने देश को अपेक्षाकृत कम खर्च में आगे ले जा सकते हैं। श्री गडकरी ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि इस परियोजना के पूरा होने की अवधि भले ही छह साल नियत की गयी है, लेकिन वर्तमान सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले इसे पूरा कर लिया जायेगा और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जायेगा।
उन्होंने सुरंग कार्यों की देखरेख और स्थानीय मुद्दों को हल करने के लिए लेह के लेफ्टिनेंट गवर्नर और जम्मू एवं कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर के अधीन संबंधित मुख्य सचिवों और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, एनएचआईडीसीएल आदि के अधिकारियों के साथ विभिन्न समितियों के गठन का आश्वासन दिया।
श्री गडकरी ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में सात सुरंग मार्ग निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा किकाजीगुंड और बनिहाल के बीच 8450 मीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण आगामी मार्च तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद, रामबन और बनिहाल के बीच 2968 मीटर लंबी 6-एकल सुरंग मार्गका काम दिसंबर 2021 में पूरा होने वाला है। इसके अलावा, खिलानी और किश्तवाड़ के बीच 450 मीटर लंबी सुरंग जून 2022 तक तैयार हो जायेगी।
केन्द्रीय मंत्री ने आगे बताया कि 4.5 किमी लंबी चेनानी-अनंतनाग सुरंग, 4,600 करोड़ रूपए की लागत से सिन्थानदर्रा में 10.2 किलोमीटर लंबी सुरंग, 350 करोड़ रूपए लागत से खाखलानी बाईपास सुरंगऔर छतरू एवं अनंतनाग के बीच 5,400 करोड़ रुपये की लागत से 10 किमी लंबी सुरंग के लिए डीपीआर काकाम पूरा हो चुका है और बहुत जल्द इसका टेंडर निकाला जायेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज जम्मू एवं कश्मीर में ज़ोजिला सुरंगसे संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया।
श्री गडकरी ने 21,000 करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली-कटरा ग्रीन एक्सप्रेसवे के निर्माण का उल्लेख किया, जो इन दो महत्वपूर्ण स्थानों के बीच की दूरी को घटाकर केवल 650 किलोमीटर कर देगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है और आगामी दिसंबर तक इस पर काम शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कियह एक आधुनिक राजमार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है, जोकि परिवहन के लंदन डिजाइन के अनुरूप है जिसमें ड्राइवरों को मौसम की जानकारी उपलब्ध होती है। यह एक्सप्रेस-वे अमृतसर सहित विभिन्न गुरुद्वारों को जोड़ने के साथ-साथ जम्मू हाईवे से भी जुड़ जाएगा, जिससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को फायदा होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 4-लेन वाला जम्मू-उधमपुर मार्ग का काम पूरा हो गया है। उधमपुर से रामबन की सड़क इस साल दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इस मार्ग पर चेनानी-नेशारी सुरंग 2017 में ही बन चुकी है। कुल 2,168 करोड़ रुपये की लागत से रामबन और बनिहाल के बीच 33 किलोमीटर लंबी सड़क दिसंबर 2021 तक पूरी हो जायेगी। श्रीनगर और बनिहाल के बीच 65 किलोमीटर लंबी 4-लेन सड़क 1,433 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हो चुकी है।
डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय,परमाणु ऊर्जा विभागऔर अंतरिक्ष विभाग ने कहा कि इस सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू एवं कश्मीर इस सरकार के लिए प्राथमिकता वाले इलाके हैं। सरकार ने इस क्षेत्र के प्रत्येक नागरिक के उत्थान के लिए काम किया है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारत की सबसे पहली सुरंग सड़क परियोजना, चेनाही-नेशारी सुरंग, का नामकरण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किया गया है। उन्होंने 2014 के बाद की विकास की परियोजनाओं को आधुनिक भारत कोउपहार कहा। उन्होंने अपेक्षित परियोजना को पूरा करने में महान नेतृत्व, उत्साह और तेजी के लिए श्री गडकरी की प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि यहसुरंग जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के केन्द्र – शासित प्रदेशों के बीच भौतिक एवं भावनात्मक संपर्क को मजबूत करेगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस सरकार के पिछले 6 वर्षों में कार्य – संस्कृति में व्यापक परिवर्तन आया है और परियोजनाओं को किसी अन्य विचार के बजाय आवश्यकताओं के आधार पर मंजूरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोविड -19 संकट जैसी विभिन्न बाधाओं के बावजूद पिछले छह वर्षों में शुरू हुई सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध थी। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जम्मू एवं कश्मीर में 200 से अधिक पुलों को पूरा किया गया और मिशन मोड में कई नई राजमार्ग परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (अवकाश प्राप्त) डॉ. वी के सिंह ने ज़ोजिला दर्रा के भीतर सुरंग परियोजना के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस खंड पर यात्रा की है और यहां के लोगों को पेश आने वाली कठिनाइयों से अवगत हैं। उन्होंने कहा कि यह सुरंग लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर के प्रशासनों के बीच समन्वय में भी सुधार करेगी। राज्यमंत्री ने सड़क और रेल नेटवर्कों के लिए काम करने के लिए एनएचएआई या एनचआईडीसीएल की तर्ज पर सुरंगों के लिए एक अलग एजेंसी के गठन का सुझाव दिया।
जम्मू एवं कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा ने इस परियोजना को इस क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि वोइस सुरंग कोआसानी से एक आधुनिक चमत्कार कह सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस परियोजना से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री राधा कृष्ण माथुर ने बार बार ठेकेदारों के बदलते जाने के कारण बदले हुए परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कियह सुरंग लेह क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में एक लंबा सफ़र तय करेगी। उन्होंने 1948 की उस घटना को याद किया जब सेना ने इस क्षेत्र को दुश्मन की गिरफ्त से वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि आज की घटना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ज़ोजिला की दूसरी मुक्ति को दर्शाता है।
उन्होंने इस क्षेत्र में सभी सड़क विकास परियोजनाओं की देखरेख के लिए एक केंद्रीय समिति के गठन का सुझाव दिया। उन्होंने कठिन समय में सड़क से संबंधितरोजमर्रा के प्रशासन के लिए जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन के साथ एक संयुक्त समिति के गठन का भी सुझाव दिया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव श्री गिरिधर अरामने ने कहा किमंत्रालय की एजेंसियों ने पूरे साल लद्दाख को सुलभ बनाये रखने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए तकनीकी और लॉजिस्टिक्स सहयोग प्रदान करने के लिए इन एजेंसियों की प्रशंसा की।