खेतों को वाईफाई जोन बनाकर CCTV कैमरे से टपक सिंचाई की निगरानी
हजारीबाग- चतरा रोड में बांका गांव के साहू मुहल्ला के नेमन साव के पुत्र हैं संतोष कुमार साव. 10वीं की पढ़ाई छोड़कर परिवार को आर्थिक तंगी से उठाने के लिए वर्ष्ज्ञ 2001 में खेती से जुड़े. पत्नी फुलमति, दो पुत्री और एक पुत्र भी खेती-बारी में विशेष रुचि लेते हैं.
झारखंड के हजारीबाग सलाउद्दीन के एक किसानने परिवार वालों से सहयोग स्वरूप मिले 60 हजार रुपये से कुआं खोदकर झारखंड के सर्वश्रेष्ठ किसान बनने का सपना संतोष कुमार साव ने पूरा किया है. एक घंटे में टपक सिंचाई योजना से 11 एकड़ में लगे सब्जी फसल पर पटवन करते हैं. खेतों को वाईफाई जोन बनाकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से अपने मोबाइल से कार्यों पर निगरानी भी रखते हैं.
अभी तक 18 वर्षों में 2000 से अधिक किसानों को अपने खेत में बुलाकर प्रशिक्षण दिया है. सबसे पहले वर्ष 2008 में शिमला मिर्च उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने के कारण झारखंड सरकार ने सम्मानित किया था. वर्ष 2012 में टपक सिंचाई योजना से गहन खेती करने के लिए सम्मान मिला है.
प्रगतिशील किसान संतोष ने बताया कि जब मेरी उम्र 15 साल की थी. 10वीं की पढ़ाई कर रहा था. मेरे पिता नमन साव खेती-बारी में कर्ज के बोझ से दब गये थे. कर्ज नहीं चुकाने के कारण पूरा परिवार काफी परेशान था. पिता ने कहा कि पढ़ाई- लिखाई छोड़ो और खेती- बारी में लग जाओ. संतोष ने बताया कि शुरूआती दिनों में सालभर में 2 बार सब्जी उगाने के बाद 3 फसल लेने लगे. आमदनी बढ़ाने के लिए तकनीक एवं हाई ब्रीड बीज का इस्तेमाल कर लगातार सफल होते रहे. इसमें निजी बीज एवं खाद कंपनी के लोग आकर सलाह देते रहे. जिसे हमने मेहनत कर खेत में इस्तेमाल किया.