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आयकर विभाग ने एक प्रमुख थोक बुलियन डीलर के 32 परिसरों में छापेमारी की

तमिलनाडु में आयकर विभाग ने छापे मारे- करीब 814 किलोग्राम के अतिरिक्त भंडार का पहचान की गयी जिसकी कीमत लगभग 400 करोड़ रुपए लगायी गयी है

आयकर विभाग ने चेन्नई से कारोबार करने वाले एक प्रमुख थोक बुलियन और सोने के आभूषण के डीलर के मामले में 10 नवंबर, 2020 को छापेमारी की। इस सिलसिले में चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, कोयम्बटूर, सलेम, त्रिची, मदुरै और तिरुनेलवेली में स्थित 32 परिसरों में छापेमारी की गयी।

छापेमारी में मिले सबूतों में निर्धारिती के पास कई जगहों पर रखे गए बेहिसाब भंडार शामिल हैं। करीब 814 किलोग्राम के अतिरिक्त भंडार का पहचान की गयी जिसकी कीमत लगभग 400 करोड़ रुपए लगायी गयी है। इसे कर के दायरे में लाया जाएगा। चूंकि यह एक व्यापार भंडार है, इसे जब्त नहीं किया जा सकता था क्योंकि आयकर अधिनियम, 1961 व्यापार भंडार की जब्ती पर रोक लगाता है।

समूह के सिस्टम के डेटा से अकेले वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 102 करोड़ रुपये की बेहिसाब शुद्ध आय का पता चला है। सिस्टम में उपलब्ध वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-2021 का डेटा फोरेंसिक टूल के जरिये निकाला जा रहा है। इसी तरह, संबंधित लोगों के व्यावसायिक परिसर में पाए गए 50 किलोग्राम के अतिरिक्त भंडार को जब्त नहीं किया गया, बल्कि बेहिसाब आय की मात्रा के निर्धारण के लिए उसकी पहचान की गयी।

समूह व्यवसाय के वास्तविक तथ्यों को चतुराई से छिपाने के लिए जेपैक नाम का एक विशेष तौर पर तैयार किया गया पैकेज रखे हुए था। माल को मोटे अनुमान के रूप में बिल/इनवॉइस बनाकर ले जाया जाता था, ये बिल/इनवॉइस माल की डिलीवरी होने के बाद नष्ट कर दिए जाते थे। प्राप्त डेटा का उपयोग निकाले गए डेटा के आधार पर अन्य पार्टियों के बेहिसाब लेनदेन का पता लगाने के लिए किया जाएगा। विशेष उपकरणों का उपयोग करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञ बेहिसाब आय की अंतिम मात्रा निर्धारण तक पहुंचने के लिए और डेटा निकाल रहे हैं।

अब तक की गयी छापेमारी में 500 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय का पता चला है। असल में, निर्धारिती ने अब तक पायी गयी अघोषित आय में से 150 करोड़ रुपए की जानकारी खुद से दी है। समूह के गैर-व्यावसायिक निवेशों की और मुनाफे को कम करने के लिए किए गए आवास प्रविष्टियों के इस्तेमाल की जांच की जा रही है। PIB inputs


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