IIFL फाइनेंस वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही के लिए आय 857 करोड़ रुपए
(IIFL Finance Results : PAT for Q2FY21 at Rs 205 Cr) आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन श्री निर्मल जैन ने (Chairman Nirmal Jain) वित्तीय परिणामों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘वॉल्यूम में वृद्धि, फंड की लागत में गिरावट, तरलता में सुधार और परिचालन लागत पर नियंत्रण के साथ हमारे लिए यह एक अच्छी तिमाही साबित हुई है। हम अपनी मुख्य रणनीति के रूप में को-लेंडिंग और लोन असाइनमेंट के लिए बैंकों के साथ अपनी साझेदारी को व्यापक बनाने और इसे अधिक मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इसके अलावा, हम कई फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं। साझेदारी मॉडल हमें अपेक्षाकृत कम अस्थिरता के साथ उच्च आरओई प्राप्त करने में मदद करेगा। क्रेडिट डिमांड और कलेक्शन एफिशिएंसी में सुधार से स्पष्ट नजर आ रहा है कि इकोनाॅमी अब कोविड के प्रभाव से उबरने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है और इसी किस्म के रुझान जारी रहने की संभावना है। बहरहाल, हम प्रावधान बनाने और पर्याप्त लिक्विडिटी को सुनिश्चित करने के मामले में पारंपरिक तरीके से ही आगे बढ़ना चाहते हैं।‘‘
आईआईएफएल फाइनेंस के पास 30 सितंबर, 2020 को 40,843 करोड़ रुपए के लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट है। वहीं कुल एयूएम में होम लोन 32 प्रतिशत, बिजनैस लोन 19 प्रतिशत, गोल्ड लोन 28 प्रतिशत और माइक्रोफाइनेंस 8 प्रतिशत था।
वित्तीय वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही के लिए कम्पनी का वार्षिक आरओई 17.1 प्रतिशत और आरओए 2.4 प्रतिशत था। कंपनी ने तिमाही के दौरान अब तक का सबसे अधिक पूर्व प्रावधान परिचालन लाभ 563 करोड़ रुपए दर्ज किया, जो बैलेंस शीट एसेट आय, वॉल्यूम वृद्धि और उच्च एनआईएम के कारण संभव हुआ। तिमाही के लिए ऋण लागत में औसतन 23 बीपीएस की कमी आई है, तिमाही आधार पर यह 9.1 प्रतिशत रही।
हमारे 89 प्रतिशत ़़ऋण रिटेल प्रकृति के हैं और 42 प्रतिशत पीएसएल के अनुसार हैं। लोन बुक अभी 10,998 करोड़ रुपए की है यानी एयूएम की 27 प्रतिशत। इसमें आगे अभी और बढ़ने के अवसर हंै, क्योंकि हम रिटेल में ज्यादा काम करते हैं।
30 सितंबर 2020 को जीएनपीए 1.81 प्रतिशत और एनएनपीए 0.77 प्रतिशत पर था। आईएनडीएएस के तहत सम्भावित क्रेडिट लाॅस को देखते हुए एनपीए का प्रावधान 240 प्रतिशत है। इसमे स्टेंडर्ड एसेट कवरेज शामिल है। प्रोविजन कवरेज में कोविड के असर को देखते हुए किया गया 114 प्रतिशत का जनरल प्रोविजन शामिल नहीं है।
30 सितंबर 2020 को कुल सीएआर 18.7 प्रतिशत था, जिसमें टीयर 1 केपिटल 15.0 प्रतिशत थी, जबकि वैधानिक रूप से यह क्रमशः 15 व 10 प्रतिशत होनी चाहिए। कम्पनी के पास तिमाही के अंत मंें 2,383 शाखाएं हैं जो पूरे देश में फैली हंै।
तिमाही के अंत में रिटेल होम लोन एसेट 12,891 करोड़ रुपए था। इस श्रेणी में हमारा प्राथमिक फोकस किफायती और छोटे शहरों के हाउसिंग लोन पर रहा। करीब 42,500 हजार ग्राहकों को प्रधानमंत्री आवास योजना की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत लगभग 1,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी से लाभान्वित किया गया।
30 सितंबर 2020 को गोल्ड लोन एयूएम 11,386 करोड़ रुपए तक बढ़ा। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 65 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी हुई। गोल्ड लोन 25 राज्यों के 600 से ज्यादा शहरों में हमारी मौजूदगी के माध्यम से वेतनभोगी और स्वरोजगार करने वाले तथा एमएसएमई वर्ग के ग्राहकों कोे दिया जाता है।
माइक्रोफाइनेंस बिजनैस ने लगातार बढ़त दिखाई है। पिछले वर्ष के मुकाबले लोन एयूएम 28 प्रतिशत तक बढ़ा है और 30 सितंबर 2020 को यह 3,460 करोड़ रुपए था। माइक्रोफाइनेंस ग्राहक 15 लाख से अधिक हो गए हैं।
तिमाही के दौरान कम्पनी ने बैंको से टर्म लोन और रीफाइनेंस के जरिए 1,402 करोड़ रूपए जुटाए हंै। 2,702 करोड़ के लोन सिक्योरिटाइज्ड/असाइन्ड किए गए। 30 सितंबर, 2020 तक बैंकों और संस्थानों से 4,927 करोड़ रुपये की नकद और नकद समकक्ष और प्रतिबद्ध क्रेडिट लाइनें उपलब्ध थीं।