आयकर विभाग ने दिल्ली, NCR और हरियाणा में चलाया तलाशी अभियान
आयकर विभाग ने वाणिज्यिक मध्यस्थता (कमर्शियल आर्बिट्रेशन) और वैकल्पिक विवाद समाधान के क्षेत्र में काम करने वाले अग्रणी अधिवक्ता से जुड़े एक मामले में 14.10.2020 को खोज और तलाशी अभियान चलाया। उन पर विवादों के समाधान के लिए अपने ग्राहकों से बड़ी मात्रा में नकद धनराशि लेने का संदेह था। दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा में फैले 38 परिसरों में यह तलाशी अभियान चलाया गया। Income Tax Department carries out searches in Delhi, NCR and Haryana
तलाशी अभियान के दौरान, 5.5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई, वहीं 10 लॉकरों को नियंत्रण में ले लिया गया है। उनके द्वारा पिछले कई साल के दौरान बेहिसाब नकद लेनदेन और निवेश में बढ़ोतरी पाई गई। जांच में बड़ी मात्रा में डिजिटल डाटा से कर निर्धारिती (एसेसी) और उनसे सहयोगियों द्वारा बेहिसाब लेनदेन का पता चला है। इन सहयोगियों में फाइनेंसर और बिल्डर शामिल हैं।
एक मामले में, कर निर्धारिती को एक ग्राहक से 117 करोड़ रुपये नकद मिले, जबकि उन्होंने अपने रिकॉर्ड में सिर्फ 21 करोड़ रुपये दिखाए जो उन्हें चेक से मिले थे। एक अन्य मामले में, उन्हें एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के साथ चल रही मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए एक इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग कंपनी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद हासिल हुए।
अघोषित नकदी को कर निर्धारिती ने आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की खरीद में और विद्यालय चलाने वाले ट्रस्टों के अधिग्रहण में इस्तेमाल किया गया। जांच के दौरान मिले प्रमाणों से पिछले दो साल के दौरान नकद 100 करोड़ रुपये से पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदे जाने के भी संकेत मिले हैं। कर निर्धारिती और उनके सहयोगियों ने कई स्कूल और संपत्तियां भी खरीदीं, जिनके लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी का भुगतान किया गया। उन्होंने करोड़ों रुपये की अकोमोडेशन एंट्री (आवास प्रविष्टि, जिसमें बड़ी धनराशि लेकर छोटी-छोटी धनराशियों में बदला यानी कम संदिग्ध बनाया जाता है) भी स्वीकार की। मामले में आगे की जांच जारी है।