आयकर विभागने पश्चिम बंगाल में कारोबारी समूह पर मारा छापा
आयकर विभाग ने वनस्पति घी और अन्य वस्तुओं का उत्पादन करने वाले एक कारोबारी समूह पर कर चोरी के आरोपों में झारखंड और पश्चिम बंगाल में छापा मारा हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को बताया कि इस कार्रवाई के दौरान खातों की नियमित पुस्तिका के बाहर लेनदेन करने, बेहिसाब नकद खर्च और नकद अग्रिम राशि लेने तथा नकद ब्याज अदा करने के ठोस साक्ष्य मिले हैं।
सीबीडीटी ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को एक जाने-माने कारोबारी समूह के 20 व्यावसायिक और आवासीय ठिकानों पर झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में छापा मारा। सीबीडीटी ने एक बयान में बताया कि यह समूह वनस्पति घी, रियल स्टेट और चाय बागानों से जुड़े कारोबार सहित समूह कई क्षेत्रों में कारोबार करता है।
इस समूह की रियल एस्टेट परियोजना कोलकाता में भी है। कर विभाग के लिए नीति तैयार करने वाले बोर्ड ने कारोबारी समूह की पहचान जाहिर नहीं की।
बयान में कहा गया है कि नकद राशि समूह की फर्जी कंपनियों में डाली गई, जिन्हें रियल एस्टेट कंपनी को ऋण के रूप में दिया गया। सीबीडीटी ने ज्यादातर कंपनियों में निदेशक के रूप में परिवार के सदस्य के होने, कोई वास्तविक कारोबार नहीं होने, कुछ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने और आरओसी के रिटर्न भी दाखिल नहीं किए जाने का आरोप लगाया।
समूह की ऐसी ही एक कंपनी ने 2014 के बाद से कोई कारोबार नहीं किया है। हालांकि, इसने 7 करोड़ रुपये की नकद बिक्री दर्शाई है। बयान में कहा गया कि यह नकदी कोलकाता के बैंक खातों में जमा की गई है, जबकि नकद बिक्री बही खाते में झारखंड से दर्शाई गई है। विभाग ने छापे के दौरान हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और हाथ से लिखी डायरी जब्त की।
बयान में कहा गया है कि प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, लगभग 40 करोड़ रुपये के नकद लेनदेन के सबूत मिले हैं। रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए लगभग 80 करोड़ रुपये अग्रिम राशि के रूप में लिए गए, यह भी जांच के दायरे में है।