चीन के सभी सैन्य ठिकानों का पता चल सकेगा – भारत-अमेरिका के बीच समझौता
नईदिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक Basic Exchange and Cooperation Agreement (BECA) समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं. मंगलवार को दोनों देशों के बीच 2+2 वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री मिले. बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से साझा बयान जारी किया गया है. दोनों देशों के बीच BECA समझौते पर हस्ताक्षर हुए, साथ ही परमाणु सहयोग को लेकर बात आगे बढ़ी. साझा प्रेस वार्ता से दोनों देशों ने चीन को भी कड़ा संदेश दिया.
इस डील से भारत को यह फायदा होगा कि अमेरिकी सैटेलाइट दुनिया भर से सैन्य ठिकानों की तस्वीरें, लोकेशन की सटीक जानकारी भारत को देंगे। ये जानकारियां डाटा, चार्ट, तस्वीरों के रूप में होगी। इस समझौते के बाद मिली सूचना के आधार पर भारत के द्वारा फायर किए गए मिसाइल अपने ठिकाने पर निशाना लगाने में ज्यादा सटीक होगें। इस डेटा के जरिए भारत अपने आस-पास दुश्मन के किसी सैन्य तैयारियों का पता लगा सकता है और जरूरत पड़ने पर उसे नष्ट भी कर सकता है। इस डील की वजह से भारत को सीमा पर चीन की सारी सैन्य गतिविधियों की जानकारी तस्वीरों और चार्ट के जरिए मिल सकेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत हुई है, 2+2 बैठक में भी दोनों देशों ने कई मसलों पर मंथन किया. जिसमें कोरोना संकट के बाद की स्थिति, दुनिया की मौजूदा स्थिति, सुरक्षा के मसलों पर कई अहम मुद्दों पर विस्तार से बात की गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, दोनों देशों ने परमाणु सहयोग बढ़ाने को लेकर कदम बढ़ाए हैं, साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में सुरक्षा की स्थिति को लेकर विस्तार से बात की है.
इन पांच समझौतों पर किए गए हस्ताक्षर:
1. Basic Exchange and Cooperation Agreement (BECA)
2. MoU for technical cooperation on earth sciences
3. Arrangement extending the arrangement on nuclear cooperation
4. Agreement on postal services
5. Agreement on cooperation in Ayurveda and Cancer research
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत और अमेरिका की दोस्ती ना सिर्फ एशिया बल्कि दुनिया के लिए काफी अहम है. अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले कि चीन की ओर से दुनिया के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में बड़े देशों को साथ आना होगा. मार्क एस्पर के मुताबिक, भारत-जापान और अमेरिका साथ में कई सैन्य ऑपरेशंस करेंगे, मालाबार एक्ससाइज़ भी की जाएगी. इसके अलावा दोनों देश डिफेंस इन्फॉर्मेशन शेयरिंग में नए मुकाम पर आगे बढ़ रहे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि आज दुनिया में काफी बड़ी चीजें हो रही हैं, दोनों देश नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में भारत-अमेरिका की दोस्ती मजबूत हुई है. माइक पोम्पियो ने कहा कि आज सुबह मैंने वॉर मेमोरियल पर भारतीय सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिसमें गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवान भी शामिल थे.
माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन द्वारा फैलाए गए वायरस का असर पूरी दुनिया पर दिख रहा है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लगातार कई हथकंडे अपनाकर दुनिया को डराने की कोशिश कर रही है. लेकिन भारत और अमेरिका सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि अन्य सभी चुनौतियों से साथ लड़ने के लिए तैयार है. भारत-अमेरिका डिफेंस, साइबर स्पेस, इकॉनोमी के क्षेत्र में साथ हैं और मजबूती के साथ खड़े रहेंगे. हम UNSC में भारत की स्थाई सीट का समर्थन करते हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यहां कहा कि आज की बातचीत दोनों देशों के दुनिया में असर को बताती है, हमने दुनिया के कई बड़े मसलों पर बात की. दोनों देशों में आर्थिक, डिफेंस, इन्फॉर्मेशन शेयरिंग को लेकर कई लेवल पर बात बनी है, साथ ही इन क्षेत्रों में लगातार प्रोगरेस भी हो रही है. जयशंकर ने कहा कि आज अमेरिका और भारत की मुलाकात सिर्फ दो देशों के बीच की मुलाकात नहीं है, बल्कि इससे दुनिया पर होने वाले असर पर भी बात की गई.
2+2 बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता काफी अहम है, जहां दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने आपस में कई विषयों पर मंथन किया.
दोनों देशों के बीच BECA पर सहमति बनी है. जिसके बाद दोनों देश आपस में मिलिट्री जानकारियां साझा कर पाएंगे, सैटेलाइट और अन्य अहम इनपुट्स बिना किसी रोक-टोक के दोनों देश एक दूसरे को दे पाएंगे.
इस बैठक से इतर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से मुलाकात की और कई मसलों पर मंथन किया.
बातचीत शुरू होने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दिल्ली स्थिति वॉर मेमोरियल पहुंच शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद रहे.