देश भर में 8 खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन
श्री किरेन रिजिजू ने 8 खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस का वर्चुअली उद्घाटन किया
नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, कर्नाटक और केरल सहित 8 राज्य शामिल
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने देश भर में 8 खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीईएस) का राज्यों के सम्मानित खेल मंत्रियों की उपस्थिति में वर्चुअली उद्घाटन किया। इन 8 राज्यों में मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, केरल, तेलंगाना, नगालैंड, कर्नाटक और ओडिशा शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश के खेल मंत्री श्री मामा नटुंग, नगालैंड में युवा संसाधन और खेल (वाईआरएस) सलाहकार श्री जाले नीखा, मणिपुर खेल मंत्री श्री लेतपाओ हाओकिप, मिजोरम के खेल मंत्री श्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे और तेलंगाना के खेल मंत्री डॉ. वी. श्रीनिवास गौड के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदियुरप्पा वर्चुअल उद्घाटन में शामिल थे। भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री संदीप प्रधान के साथ सचिव (खेल) श्री रवि मित्तल भी मौजूद रहे।
श्री रिजीजू ने कहा, “यह भारत में खेलों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और यह देश में खेल संस्कृति और उत्कृष्टता के विकास के लिए एक बहुत ही जरूरी शुरुआत है। भारत में युवा भारत सरकार और राज्य सरकारों की पहल का इंतजार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि सभी भारतीयों के लिए खेल-कूद जीवन की एक शैली बनना होगा और भारत सरकार सभी के लिए बुनियादी सुविधाएं बनाना चाहती है। राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों के अतिरिक्त खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस को शुरू किया जा रहा है।”
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि भारत को लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में शीर्ष 10 में देखने का सपना है। श्री रिजीजू कहा, “केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर काम करना होगा और हम सभी जरूरी आर्थिक मदद देंगे, ताकि वे उचित बुनियादी ढांचे और मानव शक्ति, खेल विज्ञान और उच्च गुणवत्ता के प्रशिक्षण व अन्य सुविधाएं विकसित कर सकें। हम सिर्फ 1-2 पदकों से संतुष्ट नहीं हो सकते हैं, हमें 2028 ओलंपिक में शीर्ष 10 में आना ही होगा।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदियुरप्पा ने केआईएससीई स्थापित के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और देश में खेलों के लिए जरूरी ढांचा व माहौल बनाने में पूरी तरह से मदद करने का भरोसा दिलाया। श्री येदियुरप्पा ने कहा, “मैं भारत के खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू जी को जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय युवा केंद्र बंगलूरू को एक खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी के रूप में आवंटित करने के लिए तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। कर्नाटक सरकार हमेशा से इन केंद्रों, छात्रावासों और अन्य संगठनों को सुधारने के लिए भारी निवेश करती रही है। हम सभी पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की भी मदद कर रहे हैं और मुझे विश्वास है कि यहां का केआईएससीई और ज्यादा विश्वस्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करेगा, जो अपनी उपलब्धियों से भारत का नाम रोशन करेंगे।”
खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) के रूप में उन्नत बनाने के लिए इन 8 राज्यों में खेल-कूद सुविधाओं की पहचान की है। चिन्हित किए गए केंद्र इस प्रकार हैं:
1. नगालैंड – स्टेट स्पोर्ट्स एकेडमी, आईजी स्टेडियम कोहिमा
2. मणिपुर – खुमान लंपक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, इम्फाल
3. अरुणाचल प्रदेश – सांगी ल्हाडेन स्पोर्ट्स एकेडमी, चिम्पू ईटानगर
4. मिजोरम – राजीव गांधी स्टेडियम, आइजोल
5. ओडिशा – कलिंग स्टेडियम, भुवनेश्वर
6. तेलंगाना – रीजनल स्पोर्ट्स स्कूल हाकिमपेट
7. कर्नाटक – श्री जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय युवा केंद्र बैंगलूरू
8. केरल – जीवी राजा सीनियर सेकेंडरी स्पोर्ट्स स्कूल तिरुवनंतपुरम
भारत को 2028 ओलंपिक में शीर्ष 10 देशों में से एक देश बनाने के विजन के साथ, खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यह सुनिश्चित करेगा कि किसी एक खास खेल में कुशल खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके और ये केंद्र प्राथमिकता वाले खेल में, जिसके लिए उन्हें चिन्हित किया गया है, खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए देश की सबसे अच्छी सुविधाएं बनेंगे।
केंद्रों को यह सहायता बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने, खेल विज्ञान केंद्र स्थापित करने के रूप में होगी। यहां पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षकों और खेल विज्ञान मानव संसाधनों जैसे- फिजियोथेरेपिस्ट, स्ट्रेंथ एंड कंडिशनिंग एक्सपर्ट्स व अन्य के रूप में सॉफ्ट कंपोनेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा। इन केंद्रों में खेल विज्ञान के उपयोग और प्रदर्शन प्रबंधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हाई परफॉर्मेंस मैनेजर्स भी होंगे। केआईएससीई स्थापित करने से व्यापक-आधार पर प्रतिभाओं को पहचान करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश प्रत्येक खेल में प्रतिभा को पहचानेंगे और विकसित करेंगे, जिसके लिए आर्थिक सहायता पाते हैं।