भारत के सबसे बड़े तटवर्ती ऑयल फील्ड, केयर्न ऑयल एंड गैस के मंगला ऑयल फील्ड में सफल उत्पादन के 11 साल पूरे हुए
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नई दिल्ली, भारत की सबसे बड़ी तेल एवं गैस खोज और उत्पादन (ई एंड पी) कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड ने 29 अगस्त 2020 को मंगला ऑयल फील्ड के परिचालन के 11 वर्ष पूरे किये हैं। पिछले 30 सालों में भारत के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला फील्ड का ‘पहला तेल’ 29 अगस्त, 2009 को खोजा गया था। 31 मार्च, 2020 तक कंपनी का ग्रॉस प्रूव्ड और पोर्टेबल रिजर्व्स और रिसोर्सेस आधार 1.2 बिलियन बैरल तेल का था।
राजस्थान ब्लॉक में केयर्न के परिचालन का बड़ा राष्ट्रीय महत्व है। इस ब्लॉक ने देश और राज्य के खजानों में कुल 18.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है। विश्व-स्तरीय टेक्नोलॉजी और डिजिटलाइजेशन के इस्तेमाल ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी व्यवसाय की निरंतरता और सुरक्षित परिचालन में मदद की है।
राजस्थान सरकार में खनन एवं गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा, ‘‘तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिये ओएनजीसी और केयर्न के संयुक्त उपक्रम ने पश्चिमी राजस्थान के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदला है। साल 2009 से, जब मंगला में उत्पादन शुरू हुआ, यह क्षेत्र अब प्रतिदिन लगभग 150,000 बैरल क्रूड ऑयल का उत्पादन करता है, ऊर्जा की बढ़ती मांग में योगदान देता है और आजीविका तथा आर्थिक समृद्धि के अवसर निर्मित करता है। मैं ओएनजीसी, केयर्न, तेल और गैस पर काम करने वाले सभी लोगों और राजस्थान के नागरिकों को उत्पादन के 11 वर्ष पूरे होने की बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ कि वे भविष्य में भी सफल हों।’’
राजस्थान सरकार के खनन एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा, ‘‘बाड़मेर ऑयल फील्ड्स का आउटपुट बेहतरीन रहा है, न केवल क्रूड ऑयल के उत्पादन के संदर्भ में, बल्कि टेक्नोलॉजी के नये युग की सफलता के लिये भी। हम बाड़मेर में इस उद्योग की शुरूआत से ही इसे सहयोग दे रहे हैं। पिछले एक दशक में तेल और गैस के उत्पादन ने राजस्थान सरकार को लगभग 35,000 करोड़ रू. का योगदान दिया है और बाड़मेर जिले की प्रति व्यक्ति आय 650 गुना बढ़ी है। हमें उम्मीद है कि यह फील्ड्स अपने परिचालन का विस्तार जारी रखेगी, ताकि भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हो और हमारे राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में योगदान देंगे।’’
इस अवसर पर वेदांता लिमिटेड के सीईओ सुनील दुग्गल ने कहा, ‘‘यह उपलब्धि हमारे उन प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने वृद्धि की योजनाओं को गति दी और भारत को ऊर्जा सुरक्षा के मार्ग पर लाने के लिये तेल का सुरक्षित उत्पादन किया। राजस्थान में तेल के उत्पादन के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव ने मंगला ऑयल फील्ड को इस राज्य और देश का गौरव बना दिया है।’’
केयर्न होरिज़ोंटल वेल्स, ईओआर (एनहैंस्ड-ऑयल-रिकवरी), एएसपी (एलकली-सरफैक्टेन्ट-पॉलीमर), आदि खोजपरक टेक्नोलॉजीज के प्रयोग के माध्यम से अपने राजस्थान ब्लॉक की क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। मंगला में ईओआर-एएसपी के सफल पायलट से फुल-फील्ड पॉलीमर फ्लड का क्रियान्वयन हुआ, जो विश्व के सबसे बड़े पॉलीमर फ्लड प्रयोगों में से एक है। इस फील्ड में हाल ही में टेक्नोलॉजी की जो पहलें हुई हैं, उनमें से कुछ हैं- एसेट इंटीग्रिटी, वर्कफ्लोज का ऑप्टिमाइजेशन, भविष्यपरक विश्लेषण का उपयोग, उत्पादन वर्कफ्लोज का ऑटोमैशन, आर्टिफिशियल लिफ्ट सर्विलांस (एएलएस)।
इस व्यवसाय ने इस क्षेत्र पर जो प्रत्यक्ष प्रभाव डाला है, उसके अलावा स्वास्थ्यरक्षा, पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा और आजीविका जैसे क्षेत्रों में केयर्न की सामुदायिक मध्यस्थताओं ने बाड़मेर के भीतर और आस-पास के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है। हाल ही में, कंपनी ने समुदायों के बीच कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिये ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के हिस्से के तौर पर कई पहलें की थीं।