MSME क्षेत्र देश की जीडीपी में 30 फीसदी योगदान: नितिन गडकरी
MSME क्षेत्र को समर्थन के लिए ठोस वित्तीय मॉडल विकसित करने और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने की ज़रूरत हैः श्री गडकरी
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में एक ठोस वित्तीय मॉडल विकसित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एमएसएमई की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। हालाँकि वर्तमान समय में पूँजी की कमी की वजह से ये क्षेत्र काफी परेशानियों का सामना कर रहा है।
श्री गडकरी एमएसएमई सप्ताह के समापन समारोह को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘ग्लोबल अलाइंस फॉर मास इंटरप्राइजेज़’ ने किया था। कार्यक्रम के अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश की जीडीपी में 30 फीसदी योगदान दे रहा है, और आने वाले समय में इसे 40 फीसदी तक लेकर जाने का लक्ष्य है।
वहीं दूसरी तरफ निर्यात के क्षेत्र में एमएसएमई का योगदान 48 फीसदी है, जिसे 60 फीसदी पर लेकर जाना है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोगों को रोज़गार मिलता है। हम चाहते हैं कि अगले पाँच साल में एमएसएमई क्षेत्र में 5 करोड़ नई नौकरियाँ सृजित की जाएँ।
मंत्री ने कहा कि उद्योग मूल रूप से शहरी क्षेत्रों में केन्द्रित हैं। हमें इस दिशा में बदलाव करने का प्रयास करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी उद्योगों को पहुंचाना चाहिए। हमें ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी रोज़गार के अवसर तलाशने चाहिए। इस दिशा में वित्ती संस्थानों की अहम भूमिका होगी। इन क्षेत्रों में उद्योग को स्थापित करने के लिए पूँजी की ज़रूरत होगी। इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए में एक ठोस वित्तीय मॉडल को विकसित करने की ज़रूरत है। इससे इंडिया और भारत के बीच मौजूद खाई को पाटने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को गति देने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाने की ज़रूरत है, ताकि कम लागत वाले और पर्यावरण के अनुकूल नवाचार डिजाइन और विचारों को विकसित किया जा सके। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उच्च स्तर पर समन्वय, संचार और सहयोग की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य सुधार (रिफॉर्म), प्रदर्शन (परफॉर्म) और बदलाव (ट्रांसफॉर्म) है।
श्री गडकरी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को विकसित करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी की काफी ज़्य़ादा ज़रूरत है। इस दिशा में अलग-अलग संस्थानों की तरफ के विभिन्न प्रयास किए जा चुके हैं। अतिरिक्त कृषि उत्पादों से अलग-अलग तरह का ईंधन तैयार करना इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कचरे से धन कमाने की दिशा में ध्यान केन्द्रित करने आह्वान भी किया।