मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस में 130% से अधिक की ऑक्यूपेंसी है
यह वंदे भारत एक्सप्रेस महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों की राजधानियों को जोड़ती है
भारतीय रेलवे ने देश के बहुआयामी विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आरामदायक और उन्नत रेल यात्रा अनुभव के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें रेल परिवहन में भारत की उभरती ताकत का नया चेहरा बन गई हैं। Mumbai Gandhinagar Vande Bharat Express
यह आधुनिक सेमी हाई स्पीड ट्रेन यात्रियों को एक सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करते हुए बेहतर डिजाइन, इंटीरियर और गति के मानकों पर भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ी छलांग है। यह ट्रेन ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक शानदार प्रतीक और उदाहरण है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार फरवरी 2019 में लॉन्च होने के बाद से अत्यंत लोकप्रिय सेवा के रूप में वर्तमान में 10 वंदे भारत ट्रेनें 17 राज्यों के 108 जिलों को जोड़ती हुई चल रही हैं।
मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर केपिटल वंदे भारत एक्सप्रेस देश की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है । यह ट्रेन 30 सितंबर, 2022 को शुरू की गई थी। यह मुंबई और गुजरात राज्यों की राजधानियों को बोरीवली, वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में हाल्ट के साथ जोड़ती है तथा रास्ते में सात जिलों को कवर करती है।
130% की औसत क्षमता के साथ यह ट्रेन यात्रियों के बीच तुरंत हिट हो गई है। अन्य वंदे भारत ट्रेनें नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा, नई दिल्ली-अंब अंदौरा, चेन्नई सेंट्रल-मैसूर, नागपुर-बिलासपुर, हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-सोलापुर एवं छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-शिरडी के बीच चल रही हैं।
श्री ठाकुर ने इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस असंख्य बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है जो यात्रियों को विमान जैसा यात्रा अनुभव और उन्नत अत्याधुनिक संरक्षा व्यवस्था/प्रणालियां प्रदान करती है। इसे 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए पूरी तरह से सस्पेंडेड कर्षण मोटरों वाली बोगियों के साथ निर्मित किया गया है।
उन्नत अत्याधुनिक सस्पेंशन सिस्टम यात्रियों के लिए सुगम, सुरक्षित यात्रा और बेहतर आरामदेह राइडिंग सुनिश्चित करता है। ट्रेन की सभी श्रेणियों में रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जबकि एक्जीक्यूटिव कोच में 180° घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है। प्रत्येक कोच 32” स्क्रीन से सुसज्जित है जो यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट प्रदान करता है।
दिव्यांगों के अनुकूल वॉशरूम और ब्रेल अक्षरों में सीट नंबर के साथ सीट हैंडल भी उपलब्ध कराए गए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस में कई उन्नत संरक्षा उपाय भी शामिल हैं। यह ट्रेन एक स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली – कवच से लैस है। इस तकनीक को मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है जिसके कारण इसकी लागत बहुत कम है।
इस ट्रेन में कोच के बाहर चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे भी लगाए गए हैं, जिनमें रियर व्यू कैमरे भी शामिल हैं। इस ट्रेन को पावर कारों के बिना और उन्नत पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम के साथ लगभग 30% बिजली की बचत करके भारतीय रेलवे के हरित पदचिह्न को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
श्री ठाकुर ने आगे बताया कि मवेशियों के पटरी पर आने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पश्चिम रेलवे ने मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर मेटल बीम फेंसिंग के निर्माण का कार्य शुरू किया है। मेटल बैरियर फेंसिंग मुंबई से अहमदाबाद के बीच लगभग 622 किलोमीटर की लंबाई को कवर करेगी और इसे लगभग 245.26 करोड़ रुपये की लागत से लगाया जाएगा। इस हेतु सभी 8 निविदाएं दे दी गई हैं और काम जोरों पर चल रहा है। मई, 2023 के अंत तक इस कार्य के पूर्ण होने की उम्मीद है।
वंदे भारत एक्सप्रेस एक नए युग की ट्रेन है जो भारत में यात्रियों की यात्रा को फिर से परिभाषित कर रही है। यह ट्रेन देश भर के अधिकांश बड़े और छोटे शहरों को जोड़ने के लिए तैयार है। माननीय प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के विजन के अनुरूप इन ट्रेनों का निर्माण हमारे देश में स्वदेशी रूप से किया जा रहा है।
वर्तमान में इन वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में किया जा रहा है। अब इन कोचों के निर्माण में तेजी लाने के लिए इन ट्रेनों का उत्पादन जल्द ही महाराष्ट्र के लातूर, उत्तर प्रदेश के रायबरेली और हरियाणा के सोनीपत में शुरू किया जाएगा।