NCB के ZD समीर वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप
क्रूज पार्टी ड्रग केस में गवाह के वसूली वाले आरोपों के बाद एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी रिश्वत के आरोप में समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू करेगा।
एनसीबी के डीजी ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ सतर्कता जांच का आदेश दिया है। बता दें कि आर्यन खान केस में गवाह प्रभाकर साईल ने एनसीबी (NCB) के जोनल डायरेक्टर (ZD) समीर वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं।
समीर वानखेड़े पर लगे रिश्वत के आरोप पर डीडीजी एनसीबी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा, ‘डीडीजी एसडब्ल्यूआर से एक रिपोर्ट हमारे डीजी को प्राप्त हुई थी, उन्होंने विजिलेंस सेक्शन को एक जांच के लिए चिह्नित किया है… मुख्य सतर्कता अधिकारी उचित रूप से जांच से निपटेंगे …जांच अभी शुरू हुई है, किसी भी अधिकारी पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।’
इस बीच कोर्ट में इस केस से संबंधित दो हलफनामे दायर किए गए हैं। एक हलफनामा जहां एनसीबी की ओर से है, वहीं दूसरा वानखेड़े की ओर से दायर किया गया है। एनसीबी द्वारा एनडीपीएस कोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में एजेंसी ने कहा है कि गवाह मुकर गया है।
विशेष एनडीपीएस अदालत के समक्ष पेश हुए एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े ने न्यायाधीश से कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वह जांच के लिए तैयार हैं। समीर वानखेड़े ने अपने हलफनामे में अदालत से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है,
वहीं दूसरी ओर एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है।बता दें कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले ने रविवार को प्रभाकर सेल नाम के एक स्वतंत्र गवाह के आरोप से एक मामला एक नया मोड़ ले लिया।
‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर साईल ने दावा किया आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर डिसूजा नामक एक व्यक्ति को 25 करोड़ रुपये की मांग और मामला 18 करोड़ पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था
क्योंकि उन्हें ‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (एनसीबी के जोनल निदेशक)को देने थे।’ साईल ने मीडिया से कहा कि एनसीबी अधिकारियों ने उनसे नौ से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा। हालांकि, एनसीबी अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे ” पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण” बताया।