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रोजाना बादाम खाने से चेहरे की झुर्रियों और स्किन पिगमेंटेशन पर होने वाले प्रभावों की जांच की

शोधकर्ताओं ने फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप्‍स 1 और 2 वाली उन रजोनिवृत्‍त महिलाओं में झुर्रियों में कमी और पिगमेंट इंटेंसिटी में सुधार पाया, जो स्‍नैक के रूप में रोजाना बादाम खाती थीं

नया शोध कहता है कि बादाम को अपने डेली स्किन केयर रूटिन में शामिल करने के एक से ज्‍यादा कारण हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस[1]  के शोधकर्ताओं के एक नये अध्‍ययन में पाया गया है कि कैलोरी से ताल-मेल बैठाने वाले आम स्‍नैक्‍स की जगह पर रोजाना बादाम खाने से रजोनिवृत्‍त हो चुकी महिलाओं में झुर्रियाँ कम होती हैं और स्किन पिगमेंटेशन (त्वचा के रंग) में सुधार आता है। इस अध्‍ययन की फंडिंग आमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया ने की थी और यह साल 2019 के एक अध्‍ययन की पुष्टि करता है तथा उसके परिणामों का विस्‍तार भी करता है।[2]

6 माह के इस बेतरतीब ट्रायल में फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप 1 या 2 (धूप के कारण जलने की ज्‍यादा प्रवृत्ति वाली त्‍वचा) वाली और रजोनिवृत्ति प्राप्त कर चुकीं 49 स्‍वस्‍थ महिलाओं ने अध्‍ययन पूरा किया। इन महिलाओं को दो समूहों में बेतरतीब तरीके से असाइन किया गया था :

इंटरवेंशन ग्रुप में महिलाओं ने स्‍नैक के तौर पर बादाम खाया, जो उनके टोटल डेली कैलोरी इनटेक का 20% या औसतन 340 कैलोरीज प्रतिदिन (लगभग 60 ग्राम) था। कंट्रोल ग्रुप ने कैलोरी से ताल-मेल बैठाने वाला स्‍नैक खाया और वह भी कैलोरीज का 20% था : एक फिग बार, ग्रैनोला बार या प्रेटज़ेल्‍स। इन स्‍नैक्‍स के अलावा इस अध्‍ययन में भाग लेने वाली महिलाओं ने अपनी रेगुलर डाइट्स भी लीं और कोई नट्स या नट वाले प्रोडक्‍ट्स नहीं खाए।

अध्‍ययन की शुरूआत में और फिर 8, 16 और 24 सप्‍ताहों के बाद भी त्वचा की जाँच की गई। इनमें से हर विजिट में चेहरे की झुर्रियों और फेशियल पिगमेंट इंटेंसिटी का मूल्‍यांकन हाई-रिजॉल्‍यूशन फेशियल इमैजिंग द्वारा किया गया और 3-डी फेशियल मॉडलिंग और मेजरमेंट से सत्‍यापन हुआ। स्किन हाइड्रेशन, ट्रांसएपिडर्मल

वाटर लॉस (टीईडब्‍ल्‍यूएल) और सेबम एक्‍सक्रीशन का भी मूल्‍यांकन हुआ।

शोधकर्ताओं ने बादाम खाने वाले ग्रुप में झुर्रियाँ कम होती देखीं : 16 सप्‍ताह में 5 प्रतिशत कमी आई और 24 सप्‍ताह में 16 प्रतिशत।

बादाम खाने वाले ग्रुप में चेहरे की समग्र पिगमेंट इंटेंसिटी (स्किन टोन का एकरस न होना) में भी कमी आई। 16 सप्‍ताह में यह कमी 20 प्रतिशत थी, जो 24 सप्‍ताह में भी वैसी ही रही। इसके अलावा, आमंड ग्रुप और कंट्रोल ग्रुप में शुरूआत से लेकर 24 सप्‍ताह तक शरीर का वजन स्थिर रहा।

डर्मेटोलॉजिस्‍ट और इस अध्‍ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. राजा शिवमणि के अनुसार, “फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप्‍स 1 और 2 वाली रजोनिवृत्‍त महिलाओं द्वारा रोजाना बादाम खाने से चेहरे की झुर्रियों और स्किन टोन (इसका संकेत कम पिगमेंट इंटेंसिटी से मिलता है) में प्रभावी सुधार हो सकता है। उपभोक्‍ता इस कम हुए पिगमेंटेशन इफेक्‍ट को ज्‍यादा इवन स्किन टोन से समझ सकते हैं।‘’

ट्रांसएपिडर्मल वाटर लॉस, स्किन हाइड्रेशन और सेबम एक्‍सक्रीशन का मापन अध्‍ययन के दौरान दोनों ग्रुप के माथे और गालों पर किया गया:

आमंड और कंट्रोल ग्रुप में किसी भी समय ट्रांसएपिडर्मल वाटर लॉस में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
अध्‍ययन के अंत में, दोनों ग्रुप में स्किन हाइड्रेशन बढ़ गया था।

सेबम एक्‍सक्रीशन रेट के मामले में दोनों ग्रुप ने गालों पर बढ़त दिखाई, लेकिन कंट्रोल ग्रुप में माथे पर भी बढ़त देखी गई।
डॉ. शिवमणि ने कहा कि, “हमारे परिणाम बादाम को एक संपूर्ण फूड के रूप में देखने की जरूरत पर जोर देते हैं, जिसमें कई पोषक-तत्‍व होते हैं, जैसे कि अल्‍फा-टोकोफेरॉल (विटामिन ई) और अच्‍छी असंतृप्‍त वसा, बजाए इसके कि केवल एक पोषक-तत्‍व को लेकर संभावित लाभों को सरलीकृत कर दिया जाए।

बादाम में अल्‍फा-टोकोफेरॉल अच्‍छी मात्रा में होता है, जो एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करता है और उन प्रभावों के लिये आंशिक रूप से जिम्‍मेदार हो सकता है, जो हमने रजोनिवृत्‍त महिलाओं की झुर्रियों और स्किन टोन में देखे गए हैं।‘’

इस अध्‍ययन के परिणामों पर डर्मेटोलॉजिस्‍ट और कॉस्‍मेटोलॉजिस्‍ट डॉ. गीतिका मित्‍तल गुप्‍ता ने कहा कि, “यह देखना सुखद है कि यह अध्‍ययन रोजाना बादाम खाने से न केवल चेहरे की झुर्रियों में बल्कि स्किन टोन में भी महत्‍वपूर्ण सुधार दिखाता है। यह परिणाम खासतौर से भारत के लिये प्रासंगिक हैं, जहां धूप और अन्‍य पर्यावरणीय कारकों में रहने से स्किन टोन अनइवन हो जाता है।

बादाम एंटीऑक्‍सीडेंट विटामिन ई के समृद्ध स्रोत के तौर पर जाने जाते हैं और जरूरी फैटी एसिड्स और पॉलीफेनोल्‍स देते हैं और इसलिये त्वचा की सेहत और सुन्दरता को बेहतर करने के लिये उन्‍हें आहार में शामिल किया जाना चाहिये। यह अध्‍ययन इस मान्‍यता की भी पुष्टि करता है कि बादाम त्वचा की सेहत (स्किन हेल्‍थ) को ठीक रखते हैं और मैं महिलाओं से बादाम को अपनी डेली डाइट में शामिल करने का आग्रह करती हूँ, ताकि उनकी स्किन ज्‍यादा स्‍वस्‍थ रहे।‘’

इस अध्‍ययन की सीमाओं में इसकी 24 सप्‍ताह की अवधि आती है, इसलिये इसके परिणाम लंबे समय तक बादाम खाने के संभावित प्रभावों की जानकारी नहीं देते हैं। इसके अलावा, इस अध्‍ययन में फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप्‍स 1 और 2 (धूप में जलने की ज्‍यादा प्रवृत्ति वाली त्‍वचा) वाली महिलाओं ने भाग लिया था। तो दूसरे लोगों में बादाम खाने के प्रभावों की जाँच के लिये और शोध होना चाहिये। और, दोनों ग्रुप में जो स्नैक्स थे, वे  कैलोरी से ताल-मेल बैठाने वाले थे, बड़े पोषक-तत्‍वों से नहीं।

इस अध्‍ययन के परिणामों पर सहमति जताते हुए मैक्‍स हेल्‍थकेयर-दिल्‍ली में डायटेटिक्‍स की रीजनल हेड ऋतिका समद्दार ने कहा कि, “विगत समय में कई दूसरे अध्‍ययनों ने बादाम के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों का विश्‍लेषण किया है, लेकिन इस नये शोध के परिणाम स्किन हेल्‍थ के मामले में रोमांचक हैं, यह विषय हर महिला के दिल में बसा है।

यह परिणाम बताते हैं कि रोजाना बादाम खाने से स्किन पिगमेंटेशन और चेहरे की झुर्रियाँ कम होती हैं। सभी जानते हैं कि स्किन हेल्‍थ को बेहतर बनाने में डाइट की भूमिका अहम है और यह अध्‍ययन इस बात के समर्थन में प्रमाण देता है।”

न्‍यूट्रीशन एंड वेलनेस कंसल्‍टेंट शीला कृष्‍णास्‍वामी ने कहा, “इस दौर में प्रदूषण और विषैली चीजें हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर हावी हो रही हैं, इसलिये हमें अपनी स्किन की ज्‍यादा देखभाल करनी चाहिये। ‘अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की कुंजी शरीर के भीतर होती है’ इस लोकप्रिय कहावत को यह अध्‍ययन सार्थक करता है।

नया अध्‍ययन न केवल पहला चिकित्‍सकीय प्रमाण देता है कि बादाम फेशियल पिगमेंट इंटेंसिटी को कम कर स्किन टोन को ज्‍यादा एकरस बनाने में सहायक हो सकते हैं, बल्कि यह पिछले प्रमाण का समर्थन भी करता है कि बादाम खाने से झुर्रियाँ  कम हो सकती हैं। इस अध्‍ययन के परिणामों को ध्‍यान में रखते हुए, मैं महिलाओं, खासतौर से रजोनिवृत्‍त महिलाओं से रोजाना एक मुट्टी बादाम खाना शुरू करने की अनुशंसा करूंगी, ताकि उनकी स्किन हेल्‍थ लंबे समय तक अच्‍छी रहे।‘’

अध्‍ययन पर एक नजर :

अध्‍ययन: फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप 1 (हमेशा जलने वाली, न्यूनतम  झुलस वाली) या 2 (आमतौर पर जलने वाली, न्यूनतम झुलस वाली) वाली स्‍वस्थ, रजोनिवृत्‍त महिलाओं को बेतरतीब तरीके से इंटरवेंशन या कंट्रोल ग्रुप में रखा गया था। इंटरवेंशन ग्रुप को टोटल डेली कैलोरी इनटेक के 20 प्रतिशत के तौर पर बादाम दिये गये (औसतन 340 कैलोरीज प्रतिदिन), लगभग 60 ग्राम। कंट्रोल ग्रुप को रोजाना बादाम की जगह पर कैलोरी से ताल-मेल बैठाने वाला एक स्‍नैक दिया गया : फिग बार, एनर्जी बार या प्रेटज़ेल्‍स। सभी महिलाओं से अध्‍ययन के दौरान नट्स या नट्स वाले प्रोडक्‍ट नहीं खाने के लिये कहा गया था (इंटरवेंशन ग्रुप के लिये स्‍नैक के रूप में बादाम को छोड़कर)। उन्‍हें अपना सामान्य दैनिक ऊर्जा खुराक का सेवन जारी रखने के लिये कहा गया था। ट्रायल शुरू करने वाली 56 महिलाओं में से 49 ने उसे पूरा किया।

स्किन का मूल्‍यांकन 8, 16 और 24 सप्‍ताहों में हुआ और हर अंतराल पर उन महिलाओं का वजन लिया गया। इन मूल्‍यांकनों में चेहरे की झुर्रियां, स्किन पिगमेंटेशन, ट्रांसएपिडर्मल वाटर लॉस, स्किन हाइड्रेशन और सेबम प्रोडक्‍शन को मापा गया। 49 महिलाओं ने यह अध्‍ययन पूरा किया।

 

परिणाम :

·         फोटोग्राफिक इमेज अनालिसिस ने दिखाया कि बादाम खाने वाले ग्रुप की झुर्रियाँ 16 सप्‍ताह में 15% और 24 सप्‍ताह में 16% घटीं, कंट्रोल ग्रुप की तुलना में (P<0.05)।

·         बादाम खाने वाले ग्रुप में 16 सप्‍ताह में एवरेज फेशियल पिगमेंट इंटेंसिटी 20% कम हुई और 24 सप्‍ताह बाद भी 20% की कमी पर ही रही। कंट्रोल ग्रुप की फेशियल पिगमेंट इंटेंसिटी में कोई सुधार नहीं हुआ।

·         दोनों ग्रुप में किसी भी समय ट्रांसएपिडर्मल वाटर लॉस में कोई बदलाव नहीं हुआ।

·         अध्‍ययन के अंत में, दोनों ग्रुप में शुरूआत की तुलना में गालों और माथे पर स्किन हाइड्रेशन बढ़ गया था।

·         दोनों ग्रुप में गालों पर सेबम प्रोडक्‍शन बढ़ा, लेकिन कंट्रोल ग्रुप में माथे का सेबम एक्‍सक्रीशन रेट बढ़ा, जो 16 और 24 सप्ताह में क्रमश: 45% और 155% बढ़त पर रहा (p<0.05)।

·         दोनों ग्रुप में शरीर का वजन स्थिर रहा, शुरूआत से लेकर 24 सप्‍ताह तक।

 

अध्‍ययन की सीमाएं : चूंकि यह अध्‍ययन 24 सप्‍ताह के लिये ही था, तो इसके परिणाम लंबे समय तक बादाम खाने के प्रभाव नहीं बताते हैं। इसके अलावा, इस अध्‍ययन में धूप के प्रति संवेदी स्किन टाइप्‍स फिट्ज़पैट्रिक 1 और 2 वाली रजोनिवृत्‍त महिलाओं ने ही भाग लिया था, तो इसके परिणाम कम उम्र की महिलाओं, पुरूषों या उच्चतर फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप वाले लोगों के लिये नहीं हैं। और, दोनों ग्रुप में स्‍नैक्‍स कैलोरी से ताल-मेल बैठाने वाले थे, बड़े पोषक-तत्‍वों से नहीं।

निष्‍कर्ष : इस अध्‍ययन के परिणाम बताते हैं कि रोजाना बादाम खाने से फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप्‍स 1 और 2 वाली रजोनिवृत्‍त महिलाओं में चेहरे की झुर्रियाँ और स्किन पिगमेंटेशन बिना वजन बढ़ाए कम हो सकता है। आगे के अध्‍ययनों में दूसरे लोगों को लिया जाना चाहिये, जो इससे कम उम्र के हों और उच्चतर फिट्ज़पैट्रिक स्किन टाइप्‍स वाले भी।

 


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