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भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा में छूट दी

बैंकों ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी सुविधा दी

व्यक्तियों, लघु व्यवसायों और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के लिए ऋण सहायता के उपायों की घोषणा

भविष्य की लहरों के खिलाफ सतर्क रहते हुए, दूसरी लहर से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे आएं : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने आज कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ देश की लड़ाई में सहयोग देने के लिए कई उपायों की घोषणा की।

श्री दास ने कहा कि “सभी हितधारकों-सरकार, अस्पतालों और औषधालयों, फार्मेसियों, टीका/ दवा निर्माताओं/आयातकों, मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादकों/आपूर्तिकर्ताओं, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखला में लगे निजी ऑपरेटरों और इन सब से ऊपर आम आदमी,जो अपने स्वास्थ्य व्यय में अचानक हुई वृद्धि को झेल रहा है- के लिए वित्तपोषण पक्ष की ओर से किसी भी बाधा को दूरकरने के लिए एक व्यापक लक्षित नीतिगत उपायों की जरूरत है। जमीनी स्तर पर छोटे व्यवसाय और वित्तीय संस्थाएं संक्रमण की दूसरी लहर का सबसे बड़ा खामियाजा भुगत रही हैं।”

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि ये उपाय महामारी के खिलाफ एक समुचित और व्यापक रणनीति का पहला हिस्सा हैं।

आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की टर्म लिक्विडिटी सुविधा
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाते हुए कोविड से संबंधित स्वास्थ्य अवसंरचना और सेवाओं में तेजी लाने के लिए के लिए रेपो दर पर 3 साल तक के कार्यकाल के साथ 50,000 करोड़ रूपये कीटर्म लिक्विडिटी सुविधा। बैंक इस सुविधा के तहत विभिन्न हितधारकों को ताजा ऋण सहायता दे सकते हैं। उधार कीयह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक उपलब्ध रहेगी। इस सुविधा के तहत ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

लघु वित्त बैंकों के लिए विशेष दीर्घकालिक रेपो संचालन
सूक्ष्म, लघु और अन्य असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं को आगे सहायता प्रदान करने के लिए, रेपो दर पर 10,000 करोड़ रुपये का 3 वर्ष की अवधि तक रेपो संचालन प्रति उधारकर्ता को 10 लाख रुपये तक के नए ऋण की सुविधा। यह सुविधा 31 अक्टूबर, 2021 तक उपलब्ध है।

ऑन–लेंडिंग को प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण के रूप में वर्गीकृत करने के लिए लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) द्वारा एमएफआई को ऋण देना
ताजा चुनौतियों के मद्देनजर, एसएफबी को अब 500 करोड़ रुपये तक की परिसंपत्ति वाले एमएफआई को ताजा ऑन-लेंडिंग को प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण के रूप में मानने की अनुमति दी गई है। यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक उपलब्ध रहेगी।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमोंके उद्यमियों को क्रेडिट प्रवाह
बिना बैंकिंग सुविधा वाले सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करने को और अधिक बढ़ावा देने के लिए, फरवरी 2021 में प्रदान की गई छूट, जिसमें अधिसूचित बैंकों को सीआरआर की गणना के लिए नेट टाइम और डिमांड लायबिलिटीज में से नए एमएसएमई उधारकर्ताओं को दिए गए क्रेडिट की कटौती करने की अनुमति दी गई थी,  को अब 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

व्यक्तियों, छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के लिए दबाव समाधान फ्रेमवर्क 2.0
उधारकर्ताओं की सबसे कमजोर श्रेणियों – अर्थात् व्यक्तियों, उधारकर्ताओं और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों द्वारा महसूस किए जाने वाले दबाव से राहत के लिए निम्नलिखित उपायों की घोषणा की गई है:

वैसे व्यक्ति, उधारकर्ता और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम, जिनकी कुल उधारी 25 करोड़ रुपये तक की है, जिन्होंने किसी भी पिछले फ्रेमवर्क के तहत पुनर्गठन का लाभ नहीं उठाया है और जिन्हें 31 मार्च, 2021 को मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था,  रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत विचार के पात्र होंगे। नए फ्रेमवर्क के तहत पुनर्गठन को 30 सितंबर, 2021 तक लागू किया जा सकता है और मंजूरी के 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा।
उन व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों के लिए, जिन्होंने समाधान फ्रेमवर्क 1.0 के तहत ऋणों के पुनर्गठन का लाभ उठाया है, जहां 2 वर्ष से कम के अधिस्थगन की अनुमति दी गई थी, उधार देने वाले संस्थान अब उस अवधि को बढ़ा सकते हैं और / या 2 साल की कुल अवधि तक बचे हुए कार्यकाल को आगे बढ़ा सकते हैं।
पहले पुनर्गठित किये गये छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के ​​संबंध में, उधार देने वाली संस्थाओं को अब एक बार के उपाय के रूप में कार्यशील पूंजी के अनुमोदन की सीमाओं की समीक्षा करने की अनुमति है।
संवर्धित ग्राहक अनुभव के लिए केवाईसी मानदंडों को तर्कसंगत बनाना
प्रस्तावित कदमों में शामिल हैं: क) प्रोपराइटरशिप फर्मों जैसे ग्राहकों की नई श्रेणियों के लिए वीडियो केवाईसी की गुंजाइश में विस्तार, ख) सीमित केवाईसी खातों का पूरी तरह से केवाईसी का अनुपालन करने वाले खातों में रूपांतरणग) केवाईसी अपडेट में और अधिक ग्राहक-अनुकूल विकल्पों का समावेश और घ) वी-सीआईपी के लिए केंद्रीकृत केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) के केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग और पहचान के प्रमाण के रूप में इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज प्रस्तुत करने को मान्य करना।

अस्थायी प्रावधान और प्रावधानों का काउंटर साइक्लिकल बफर
गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए विशिष्ट प्रावधान बनाने के लिए बैंक अब 31 दिसंबर, 2020 तक उनके पास मौजूदअस्थायी प्रावधानों का शत – प्रतिशत उपयोग कर सकते हैं। ऐसे उपयोग को 31 मार्च, 2022 तक करने की अनुमति है।

राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा में छूट
राज्य सरकारों के लिए एक तिमाही में ओवरड्राफ्ट के दिनों की अधिकतम संख्या 36 से बढ़ाकर 50 दिन कर दी गई है। ओडीके लगातार दिनों की संख्या 14 से बढ़ाकर 21 दिन कर दी गई है। यह सुविधा 30 सितंबर, 2021 तक उपलब्ध है।

 

” अभेद्य अंधकार के बीच मेरा विश्वास सबसे अधिक प्रकाशमान होता है” – महात्मा गांधी

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने राष्ट्रपिता को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत ने दूसरी लहर के दौरान संक्रमण और मृत्यु – दर में हुई भयंकर वृद्धि से बहादुरी के साथ लड़ते हुए टीके और चिकित्सा सहायता मुहैया कराने में बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कार्यस्थलों, शिक्षा और आय तक पहुंच को सामान्य बनाना और आजीविका स्तर पर सामान्य स्थिति बहाल करना अनिवार्य हो जाता है।

वायरस की विनाशकारी गति से होड़ करने के लिए, सबसे कमजोर वर्गों सहित विभिन्न वर्गों तक पहुंचने वाले तेज, व्यापक, क्रमबद्ध और सही समय पर कार्रवाई करनी पड़ती है। इस संबंध में, उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों, कानून प्रवर्तन कराने वाले और अग्रिम पंक्ति के अन्य कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना की जो निस्वार्थ रूप से इस महामारी से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थितियों पर कोविड -19 के दूसरी लहर के प्रभाव की बारीकी से निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि “हम सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि नागरिकों की भीषण तकलीफों को दूर किया जा सके।”

वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में उनके मूल्यांकन के कुछ मुख्य अंश निम्नलिखित हैं:

वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
आईएमएफ ने अप्रैल, 2021 में, विकसित अर्थव्यवस्थाओं (एईएस) और कुछ उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में 2021 की गर्मियों में और अधिकांश अन्य देशों में 2022 के उत्तरार्ध तकटीके की उपलब्धता की उम्मीद के आधार पर 2021 के लिए वैश्विक विकास के अनुमानों को संशोधित कर 5.5% से 6% कर दिया था।
कृषि क्षेत्र 2020-21 में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन के साथ लचीला बना हुआ है, जो अन्य क्षेत्रों को खाद्य सुरक्षा और सहायता प्रदान करता है।
भारतीय मौसम विभाग के सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से 2021-22 में ग्रामीण मांग और समग्र उत्पादन को बनाए रखने की उम्मीद है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव हल्का होगा।
रोकथाम के स्थानीयकृत और लक्षित उपाय व्यवसायों और परिवारों को अनुकूलित करने में सक्षम बना रहे हैं। इसलिए, पिछले साल की तुलना में कुल मांग पर प्रभाव मध्यम रहने की उम्मीद है।
भोजन और ईंधन की मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2021 में 5.0% से मार्च 2021 में 5.5% आंकी गई थी और सामान्य मानसून से भोजन, खासकर अनाज और दालों, की कीमतों पर पड़ने वाले दबाव को नियंत्रित करने में मदद मिलनी चाहिए।
यहां तक की अप्रैल 2021 में भी व्यापारिक वस्तुओं के आयात और निर्यात में मजबूत वृद्धि जारी है।
विदेशी मुद्रा भंडार हमें वैश्विक स्पिल-ओवर से निपटने का विश्वास दिलाता है।
प्रचुर मात्रा में अधिशेष लिक्विडिटी को देखते हुए घरेलू वित्तीय स्थितियां आसान बनी रहेंगी।
बाजार की सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए, उन्होंने घोषणा की कि 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की दूसरी खरीद का संचालन 20 मई, 2021 को किया जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि दूसरी लहर अजेय नहीं है। तात्कालिक उद्देश्यों, जोकि मानव जीवन को संरक्षित करने और सभी संभव तरीकों से आजीविका को बहाल करने से जुड़ा है, को रेखांकित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय स्थितियों को अनुकूल बनाये रखनेऔर बाजार के कुशलता से काम करना जारी रखने के लिए युद्धस्तर पर तैयार है। श्री दास ने कहा कि इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक गैर-परंपरागत रास्ता अपनाने और मांग के अनुरूप नए उपाय खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।


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