Western Times News

Gujarati News

पुणे और हैदराबाद में दो और केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं को कोविड वैक्सीन परीक्षण के लिए तैयार किया

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैक्सीन विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए अपना सहयोग जारी रखेगा

कोविड-19 महामारी के चलते  तथा  कोविड  टीकों के उत्पादन में हो रही बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अपनी और से टीकों के त्वरित परीक्षण / जारी करने से पूर्व उनके प्रमाणीकरण की सुविधा के लिए अतिरिक्त प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का निर्णय लिया है ।

इस समय  देश में कसौली में एक केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) है, जो भारत में मानव उपयोग के लिए जैव प्रतिरोधी (इम्यूनोबायोलॉजिकल) (टीके और एंटीसेरा) के परीक्षण और उन्हें जारी करने से पूर्व प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय नियंत्रण करने वाली प्रयोगशाला भी  है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने स्वायत्त अनुसंधान संस्थानों राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस), पुणे और राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, (एनआईएबी) हैदराबाद में केंद्रीय औषधि के रूप में दो वैक्सीन परीक्षण सुविधाएं स्थापित की हैं।

तदनुसार ही टीकों के बैच परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए पीएम-केयर्स कोष न्यास (फंड ट्रस्ट) द्वारा प्रदान की गई आर्थिक सहायता के साथ, डीबीटी –एनसीसीएस और डीबीटी-एनआईएबी में केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं के रूप में दो नई वैक्सीन परीक्षण सुविधाएं स्थापित की गई हैं।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से ही जैव प्रौद्योगिकी विभाग मौलिक अनुसंधान के अलावा वैक्सीन के विकास, निदान और परीक्षण, जैव-बैंकिंग और जीनोमिक निगरानी सहित कोविड-19 से सम्बन्धित विभिन्न संबंधित गतिविधियों में अपना योगदान देने में सबसे आगे रहा है और इसके लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण भी कर रहा है।

डीबीटी-एनसीसीएस और डीबीटी-एनआईएबी भारत में संक्रामक रोग संबंधी कार्यों के कई पहलुओं के लिए आधार स्तंभ रहे हैं और इन संस्थानों ने  मानव स्वास्थ्य और बीमारी से संबंधित जैव प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान उत्पादन को आगे बढ़ाने में अपना योगदान भी दिया है।

28 जून, 2021 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना  के अनुसार  एनसीसीएस, पुणे की सुविधा को अब कोविड-19 टीकों के परीक्षण और उनके समूह को जारी करने के लिए केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला के रूप में अधिसूचित किया गया है। । एनआईएबी, हैदराबाद में सुविधा को भी इस बारे में जल्द ही आवश्यक अधिसूचना प्राप्त होने की संभावना है।

पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट के उदार सहयोग से बहुत ही कम समय में, दोनों संस्थानों ने अथक प्रयासों के माध्यम से इस उद्देश्य के लिए अत्याधुनिक आधुनिक सुविधाओं की स्थापना की है। इन सुविधाओं से प्रति माह लगभग 60 बैचों के टीकों का परीक्षण करने की उम्मीद है।

राष्ट्र की मांग के अनुसार मौजूदा कोविड-19 टीकों और अन्य नए कोविड-19 टीकों का परीक्षण करने के लिए ही इन  सुविधाओं को तैयार किया गया है। इससे न केवल वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति में तेजी आएगी , बल्कि यह देखते हुए कि पुणे और हैदराबाद वैक्सीन निर्माण के दो केंद्र हैं, ऐसा करना  तार्किक रूप से  भी सुविधाजनक होगा।


Read News In Hindi

Read News in English

Copyright © All rights reserved. | Developed by Aneri Developers.