Western Times News

Gujarati News

न्यायालय ने राज्यों को Covid19 अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा जांच करने का दिया निर्देश

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में आग से सुरक्षा की व्यवस्था की जांच करें ताकि देश में अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को चार सप्ताह के अंदर अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र का नवीकरण कराने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा ना करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि जिन अस्पतालों के अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र की समय सीमा खत्म हो चुकी है, उन्हें चार सप्ताह के अंदर इसे हासिल करना होगा। न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी इस पीठ में शामिल थे। पीठ ने कहा कि राजनीतिक रैलियों और कोविड-19 से जुड़े निर्देशों के पालन के मुद्दे को निर्वाचन आयोग देखेगा।

રાજકોટની હોસ્પિટલમાં આગથી કોરોનાના છ દર્દીનાં કરુણ મોત

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के राजकोट के एक कोविड-19 अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद संज्ञान लिया था। इस घटना में कई मरीजों की मौत हो गई थी। न्यायालय ने कहा कि जिन अस्पतालों ने अब तक अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है, वे जल्द से जल्द इसे हासिल करें। न्यायालय ने कहा कि राजकोट और अहमदाबाद के अस्पताल में आग लगने की जो घटना हुई, वह कहीं और न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य इस संबंध में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए बाध्य है।

અમદાવાદની શ્રેય હોસ્પિટલમાં આગઃ ૮ મોત

उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह के भीतर अनुपालन का हलफनामा दाखिल करें। पीठ ने कहा कि अगर कोविड-19 अस्पतालों में आग से संबंधित सुरक्षा नहीं है तो राज्य सरकार इस पर कार्रवाई करेगी।

कोविड-19 मरीजों के उचित इलाज और अस्पतालों में कोविड-19 से मरने वाले मरीजों के शवों के सम्मानजनक तरीके से रखे जाने के मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और इसकी सुनवाई के दौरान ही राजकोट अस्पताल में आग का मामला भी आया। 15 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि पिछले सात-आठ महीने से कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को छुट्टी की मंजूरी पर विचार करें। अदालत का कहना था कि लगातार काम करने से डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।


Read News In Hindi

Read News in English

Copyright © All rights reserved. | Developed by Aneri Developers.