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चीन से नहीं, भारत से संबंध मजबूत करना चाहता था अमेरिका, दस्तावेजों से हुआ खुलासा

वाशिंगटन : अमेरिकी सरकार ने इंडो-पैसिफिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी 2018 की संवेदनशील रिपोर्ट को गुप्त सूची से हटा दिया है. चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्व में दस्तावेज को ‘गुप्त’ श्रेणी में रखा गया था और ये विदेशी नागरिकों के लिए नहीं थी. दस्तावेज को आधिकारिक रूप से पिछले सप्ताह गुप्त सूची से हटाया गया.

दस्तावेज में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए खास रणनीति पर जोर दिया गया है. अमेरिका ने भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ त्रिपक्षीय सहयोग मजबूत करने पर जोर देने की बात कही थी. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अमेरिका ने चीन की तुलना में भारत को हर तरह से मज़बूत करने की रणनीति बनाई थी.

इसके पीछे अमेरिका का तर्क था कुछ अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ एक मज़बूत भारत चीन को सीमित दायरे में रखने में अहम भूमिका निभा सकता है. रिपोर्ट में सरकार की रणनीतियों पर बात करते हुए ये भी कहा गया है कि भारत को विशेष प्राथमिकता देने का मंसूबा अमेरिका ने बनाया था.

चीन-भारत के बीच सीमा विवाद तक को सुलझाने के लिए अमेरिका राजनियक या खुफिया समेत भारत को सैन्य मदद देने की भी इच्छा जताई थी. रिपोर्ट में कही गई ये बात अमेरिका की चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और भारत के बीच इंटेलिजेंस शेयरिंग पर खास ज़ोर दिया गया है.

अमेरिकी सरकार की तरफ से भारत के अलावा जापान के साथ साझा सहयोग बढाने पर भी खासा जोर दिया गया. रिपोर्ट में अमेरिका ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ त्रिस्तरीय सहयोग बढ़ने की बात भी कही थी.

 


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