पिछली सीट से गाड़ी चलाना चाहते हैं राहुल गांधी: पीसी चाको
पार्टी को अलविदा कहते ही दशकों तक कांग्रेस में रहे गांधी परिवार के बेहद नजदीकी पीसी चाको का गुबार भी फट पड़ा है। वरिष्ठ नेताओं के अपमान से वह इस कदर आहत हैं कि उन्हें पार्टी का भविष्य भी अब अंधकारमय नजर आ रहा है। उनका कहना है कि पार्टी में सुधार का ऐसा कोई प्लान नहीं हो सकता जो इसे नया जीवन दे सके। PC Chacko resigns from Congress cites groupism within party
इस हालत के लिए उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। पार्टी आलाकमान को अपना इस्तीफा भेजने के बाद बुधवार शाम चाको ने जागरण से लंबी बातचीत की। बुरी तरह अपमानित महसूस कर रहे चाको ने कहा कि राहुल गांधी पिछली सीट पर बैठकर गाड़ी चलाना चाहते हैं। खुद जिम्मेदारी न लेकर दूसरों को आगे कर दे रहे हैं। इसीलिए समस्याएं खड़ी हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि केरल में जिस तरह से टिकट बांटे जा रहे हैं, वह पूर्णतया अलोकतांत्रिक है। उन्होंने इस विषय में कई बार राहुल गांधी से चर्चा की, लेकिन हर बार उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि ठीक है, इस पर बात करेंगे। लेकिन, न वह बात करते हैं और न ही किसी की शिकायत दूर करते हैं।
केरल से विधायक, मंत्री और कई बार सांसद रह चुके चाको ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं ने इस पार्टी को अपना जीवन ही नहीं दिया, बल्कि पार्टी के हर सुख दुख में साथ खड़े रहकर उसे मजबूत करने की भी कोशिश की है, लेकिन सम्मान के बजाय बार-बार अपमान स्वीकार नहीं किया जा सकता। न ही पार्टी को कमजोर होते देखा जा सकता है।
उन्होंने समूह 23 के नेताओं की मांगों को भी जायज करार दिया। बकौल चाको, इन वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए केवल सुझाव दिए थे, सोनिया गांधी या राहुल गांधी के बारे में कुछ गलत नहीं कहा। उनके सुझाव अच्छे थे, इसीलिए सोनिया ने उनके साथ बैठक भी की। बावजूद इसके उनकी निष्ठा पर अंगुली उठाई जा रही है।
करीब छह साल दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी रहे चाको ने कहा कि उन्हें दिल्ली में भी कई बार अपमान का घूंट पीना पड़ा। शीला दीक्षित को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो उनके बेटे संदीप दीक्षित सहित कई अन्य नेताओं ने बार-बार उनके और शीला के बीच मतभेद उत्पन्न कराए, लेकिन आलाकमान ने हालात सुधारने का प्रयास नहीं किया।
इसी तरह जब उन्होंने सोनिया गांधी की रजामंदी से कीर्ति आजाद को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कराया तो कुछ नेताओं ने ऐन मौके पर उस आदेश को भी बदलवा दिया। आखिर कोई कितनी बार अपमान सहेगा? चाको ने कहा कि मौजूदा हालत में पार्टी के सुधार का कोई प्लान काम नहीं करने वाला।
चाटुकार नेताओं के कब्जे से बाहर निकलकर राहुल और सोनिया गांधी को अपने विवेक का इस्तेमाल करना होगा। वरिष्ठों की लगातार अनदेखी पार्टी को पतन की ओर ही ले जा रही है।