BLWने 6,000 HP की क्षमता वाली 40वीं इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण पूरा किया
बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) ने जुलाई 2020 में 31 इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण के अपने ही रिकॉर्ड को पार किया
नवंबर 2020 के महीने में, BLWने एक महीने में 6,000 एचपी की क्षमता वाले बिजली इंजनों के निर्माण का एक सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड स्थापित करते हुए 40 लोकोमोटिवों का निर्माण पूरा किया
नवंबर 2020 के महीने में 6,000 एचपी की क्षमता वाली 40वीं इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण पूरा करने के साथ ही बनारस लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने एक महीने में 31 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव बनाने के जुलाई 2020 में स्थापित अपने ही रिकॉर्ड को पार कर लिया। यह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है, जिसे देव दीपावली के शुभ दिन हासिल किया गया।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री विनोद कुमार यादव ने बनारस लोको वर्क्स (बीएलडब्ल्यू), वाराणसी से 6,000 एचपी क्षमता वाली 40वीं इलेक्ट्रिक लोको को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस समारोह में, श्री राजेश तिवारी, सदस्य ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक, रेलवे बोर्ड और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री विनोद कुमार यादव ने कोविड की चुनौतियों के बावजूद इस मील के पत्थर को हासिल करने में बीएलडब्ल्यू के कर्मचारियों के ईमानदार प्रयासों की सराहना की। प्रतिकूल स्थिति में प्रदर्शन करने की क्षमता रेलवे कर्मचारी की पहचान है।
Shri Vinod Kumar Yadav, Chairman & CEO, Railway Board virtually flagged off 40th 6,000 HP Electric locomotive from Banaras Locomotive Works (BLW), Varanasi today.
This is BLW’s new ‘Atmanirbhar Bharat’ achievement.https://t.co/jrfNEyhV3m pic.twitter.com/BeYfxuwlLt
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 1, 2020
यह उपलब्धि अप्रैल और मई 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद है, जब अप्रैल 2020 में उत्पादन शून्य था और मई 2020 में 8 लोकोमोटिव बने थे। बीएलडब्ल्यू ने इलेक्ट्रिक इंजनों के पिछले साल नवंबर तक के उत्पादन के आंकड़ों के साथ समानता हासिल की है। इसने नवंबर 2019 के अंत तक 168 इंजनों के मुक़ाबले नवंबर 2020 तक 169 इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण किया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस परिवर्तन को लाने में बीएलडब्ल्यू के महाप्रबंधक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लोको की तकनीक में सुधार हुआ है। हमें आगे बढ़ने और 9000 एचपी की क्षमता वाले लोको के निर्माण का लक्ष्य बनाने की जरुरत है।
उन्होंने इस उपलब्धि पर अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। श्री यादव ने इस रिकॉर्ड उत्पादन पर बीएलडब्ल्यू के कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए 1.5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की।
उत्पादन के क्षेत्र में यह बढ़ोतरी आत्मनिर्भर भारत के प्रति एक बड़ा योगदान है।
कोविड की चुनौतियों के बावजूद, बीएलडब्ल्यू ने डीजल इंजनों के निर्माण से हटकर इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण के लिए अपने बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया है। कर्मचारियों और अधिकारियों ने इलेक्ट्रिक लोको के निर्माण के लिए शॉप फ्लोर, मशीनों, सांचों एवं उपकरणों और योजना प्रक्रिया को फिर से कुशल बनाने और पुनर्गठित करने की चुनौती का डटकर सामना किया है।
बीएलडब्ल्यू में डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के लिए उत्पादन लाइन के बदलाव, ईंधन के बिल को घटाने, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने, ईंधन के आयात पर निर्भरता को कम करने और औसत गति में वृद्धि और गाड़ियों की क्षमता को बढ़ाने की रेल मंत्रालय की बहु-आयामी रणनीति के अनुरूप है।
इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उत्पादन का 98% स्वदेशी घटकों की सहायता से होता है- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की पर्याप्त हिस्सेदारी होती है।
बीएलडब्ल्यू मोजाम्बिक को 3000 एचपी की क्षमता वाली केप गेज डीजल इंजनों के एक प्रतिष्ठित निर्यात ऑर्डर पर भी काम कर रहा है। इसे फास्ट ट्रैक पर डाल दिया गया है। इस ऑर्डर के तहत, पहली बार 12 सिलेंडर वाले क्रैंककेस का निर्माण बीएलडब्ल्यू में किया जा रहा है।